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खेतों की सिंचाई के लिए नहीं था पानी का इतंजाम, किसानों की मेहनत ने कर दिया कमाल, बना डाला बांध

jantaserishta.com
30 Nov 2021 2:20 AM GMT
खेतों की सिंचाई के लिए नहीं था पानी का इतंजाम, किसानों की मेहनत ने कर दिया कमाल, बना डाला बांध
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उत्तर प्रदेश में इन दिनों फसलों की बुवाई का सीजन शुरू हो चुका है जिसको लेकर किसानों द्वारा खाद व पानी दिया जा रहा है लेकिन कुछ किसानों को महंगे डीजल के चलते अपनी फसलों को सींचने में काफी मशक्कत का सामना भी करना पड़ रहा है. अब इसी दिक्कत को दूर करने के लिए किसानों ने बरेली बॉर्डर पर कार सेवा के जरिए बांध बनाने का काम शुरू किया है.

जनपद रामपुर बिलासपुर तहसील में कई ऐसे गांव हैं जो अपने अपने खेतों में खड़ी फसलों को सींचने की जद्दोजहद में जुटे हैं. रामपुर बरेली सीमा पर खेमरी डैम से होकर बहने वाली बेगुल नदी पर वर्षों से फसलों को सींचे जाने के लिए बांध बनाया जाता रहा है. इस बांध के जरिए जहां बरेली तहसील के किसानों को फायदा होता है वहीं जनपद बरेली के तहसील बड़ी और शीशगढ़ के किसानों को भी नहरों के जरिए उनकी फसलों के लिए पानी मिलता रहता है.
लेकिन कुछ समय से इस नदी पर अस्थाई बांध नहीं बनाया गया है जिसके बाद किसानों ने इस काम का बीड़ा उठाते हुए बिना किसी सरकारी मदद के कार सेवा के जरिए बांध बनाने का कार्य शुरू कर दिया है. किसान सरकार द्वारा इस बांध को बनाए जाने को लेकर किसी प्रकार की मदद न करने को लेकर खासा नाराज भी नजर आ रहे हैं.
किसान हामिद के मुताबिक, यह बांध बनाया जा रहा है किसानों की खेती के लिए और सिंचाई करने के लिए. इससे पहले 40 साल तक सरकार कच्चा बांध बनाती रही. लेकिन फिर बिना किसी कारण के सरकार ने उस काम को भी छोड़ दिया और बांध बनाने वाला कोई नहीं रहा. लेकिन फिर 2016 से कार सेवा के लिए कदम उठाया गया और सबके सहयोग से बांध बना डाला. बांध नहीं होने से लोगों को यह नुकसान था कि सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलता था. लेकिन अब इससे लगभग 3 तहसीलों को पानी मिलता है. जब यह बांध पूरा बन जाएगा तो सबको पानी मिलना भी शुरू हो जाएगा.
किसान वेद प्रकाश के मुताबिक, हमारे क्षेत्र में सिंचाई के साधन बहुत कम हैं लेकिन अब लोगों के सहयोग से बन रहे बांध के जरिए सभी को एकता का संदेश दिया जा रहा है. कहा जा रहा है कि हिंदू भी, मुस्लिम भी, सिख भी, ईसाई भी, सभी इस बांध का इस्तेमाल कर पाएंगे. इस बांध के जरिए 125 गांव को पानी मिलता है जिसमें से 35 गांव बहेड़ी क्षेत्र से आते हैं, 25 गांव बिलासपुर क्षेत्र से आते हैं और 60 गांव मीरगंज क्षेत्र से आते हैं.


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