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भारत-चीन सैन्य वार्ता के दौरान शेष मुद्दों को हल करने को लेकर नहीं बनी सहमति
Kajal Dubey
18 July 2022 7:04 PM GMT

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भारत और चीन के बीच रविवार को हुई 16वें दौर की सैन्य वार्ता के दौरान पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद से जुड़े शेष मुद्दों को हल करने को लेकर सहमति नहीं बन सकी। हालांकि, दोनों देशों के बीच इन मुद्दों का जल्द से जल्द पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान पर पहुंचने के लिए बातचीत जारी रखने पर सहमत बन गई है।
वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने जारी किया संयुक्त बयान
लगभग साढ़े 12 घंटे तक चली बातचीत के एक दिन बाद, दोनों पक्षों ने सोमवार को एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि लंबित मुद्दों के समाधान से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति व्यवस्था बहाल करने में मदद मिलेगी और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में भी प्रगति होगी। वार्ता के अंत में दोनों पक्ष क्षेत्र में जमीन पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सहमत हुए।
जमीनी सीमा पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमति
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में जमीनी सीमा पर सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर सहमत हुए और लगातार "निकट संपर्क" में बने रहने और जल्द से जल्द सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिए बातचीत को जारी रखने को लेकर सहमत हुए हैं।
गतिरोध वाले शेष सभी स्थानों से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए कहा
वार्ता के बाद आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 को लेकर विघटन प्रक्रिया को पूरा करने पर प्रगति की कुछ उम्मीदें जगी हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सैन्य वार्ता के दौरान भारत ने चीन से पूर्वी लद्दाख में गतिरोध वाले शेष सभी स्थानों से सैनिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए कहा और अप्रैल 2020 में सैन्य गतिरोध शुरू होने से पहले की यथास्थिति की बहाली की भी मांग की।
बयान में कहा गया है, "11 मार्च 2022 को हुई पिछली बैठक में हुई प्रगति के आधार पर, दोनों पक्षों ने पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी के साथ प्रासंगिक मुद्दों के समाधान के लिए रचनात्मक और दूरदर्शी तरीके से चर्चा जारी रखी। दोनों देशों के नेताओं द्वारा शेष मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान के लिए दिए गए मार्गदर्शन को ध्यान में रखते हुए इस संबंध में उनके बीच विचारों का स्पष्ट और गहन आदान-प्रदान हुआ।"
भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर हुई वार्ता
यह वार्ता एलएसी के भारतीय पक्ष के क्षेत्र चुशुल-मोल्दो सीमा बैठक बिंदु पर हुई। वार्ता में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने किया जबकि चीनी टीम का नेतृत्व दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिला प्रमुख मेजर जनरल यांग लिन कर रहे थे।
बता दें कि सैन्य वार्ता का 15वां दौर 11 मार्च को हुआ था और यह भी कोई महत्वपूर्ण परिणाम देने में विफल रहा था। पता चला है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने देपसांग बुलगे और डेमचोक में लंबित मुद्दों के समाधान की भी मांग की। भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि एलएसी पर शांति व्यवस्था द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बाली में अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के 10 दिन बाद 16वें दौर की सैन्य वार्ता हुई। जी20 देशों के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन से इतर एक घंटे की बैठक में जयशंकर ने वांग को पूर्वी लद्दाख में सभी लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता से अवगत कराया था। गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों ने अपने 50 से 60 हजार तक सैनिक तैनात किए हुए हैं।
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