सुल्तानपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। बुद्धवार को इलाज के दौरान केस बिगड़ने के बाद पहले तो उन्हें बिना रेफर किये ही लखनऊ भेज दिया गया। जहां रास्ते मे ही दोनों की मौत हो गई। परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया और आज जब उस अस्पताल की पड़ताल की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। बताते चलें कि बल्दीराय थानाक्षेत्र के पूरे मल्लान का पुरवा गांव की पूनम गर्भवती थी। मंगलवार की रात परिजन उसे इलाज के लिये अरवल स्थित माँ शारदा हॉस्पिटल एवं जच्चा बच्चा केंद्र ले गए। जहां डॉक्टर द्वारा पूनम का ऑपरेशन किया गया। इस दौरान रक्तश्राव के चलते दोनों की तबियत बिगड़ गई जिस पर बिना रेफर कागज बनाये ही उन दोनों को इलाज के लिये लखनऊ भेज दिया गया। लेकिन रास्ते मे ही दोनों की मौत हो गई। जिसके बाद परिजन जच्चा बच्चा का शव लेकर बल्दीराय थाने पहुंचे और संचालक,डॉक्टर और सहयोगियों के खिलाफ नामजद तहरीर दी।
पुलिस ने परिजनों की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जब पड़ताल की तो तथ्य चौंकाने वाले मिले। पुलिस की माने तो माँ शारदा हॉस्पिटल का संचालक राजेश साहनी 12वीं पास है। इतना ही नही ओस अस्पताल में तैनात डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद शुक्ला 8वीं और उसका सहयोगी 5वीं पास निकले। संचालक राजेश साहनी खीरी जिले का और डॉक्टर राजेन्द्र और उसका सहयोगी पड़ोसी जनपद अयोध्या के रहने वाले हैं। काफी समय।से ये सभी मरीजों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे। फिलहाल पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज रही है। इतना ही नही पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने जिलाधिकारी और मुख्य चिकित्साधिकारी को ऐसे अस्पतालों को चिन्हित कर कार्यवाही के लिये पत्र लिखा है।