राजस्थान के भरतपुर में आईजी कार्यालय में नाबालिग रेप पीड़िता और उसके परिजनों द्वारा केरोसीन डालकर आत्मदाह करने का प्रयास किया गया है. पीड़िता और उसके परिजन वारदात के कई महीने बीतने के बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज हैं. उन्होंने इस संबंध में कई बार पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलने की कोशिश की लेकिन जब वो इसमें नाकाम रहे तो आईजी कार्यालय परिसर में यह दिल दहला देने वाला कदम उठाया. मिली जानकारी के मुताबिक ग्यारह महीने पहले चार लोगों ने नाबालिग लड़की का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया था. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. लेकिन पीड़िता का कहना है कि तीन आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं. वहीं. पीड़िता के परिजनों का आरोप है अनुसंधान अधिकारी द्वारा कार्रवाई के एवज में उनसे पैसे मांगे. इसलिए उन्होंने न्याय के लिए पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलने की कई बार कोशिश की लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई. मंगलवार को एक बार फिर आईजी कार्यालय पहुंचकर पीड़िता ने उनसे मुलाकात करने का प्रयास किया लेकिन जब वो उनसे नहीं मिल सकी तो परेशान होकर उसने कार्यालय परिसर में ही केरोसीन डालकर आत्मदाह की कोशिश की.
इस दौरान पीड़िता के परिजन परिसर में पड़ी ईंटों को अपने सिर पर मारने लगे. इससे उसके पिता के सिर में चोट आयी तो वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी. तब अधिकारियों द्वारा परिवादियों को समझाया गया और उनकी आईजी से मुलाकात करवायी गई. आईजी ने उनका केस सुनने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) को वहां बुलाकर मामले की गहनता से जांच के आदेश दिए. पूरे मामले पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पीड़ित और उसके परिजनों द्वारा सीओ कांमा पर इल्जाम लगाने के भी प्रयास किये गए जिससे सीओ की प्राथनापत्र पर जांच को एडीएफ राजेन्द्र वर्मा को सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि पीड़िता के परिजनों द्वारा पहले पंचायत के स्तर से मामले को सुलझाने का प्रयास किया था लेकिन फिर बाद में 26 जुलाई, 2020 को मामला दर्ज कराया गया था. पुलिस द्वारा इसमें कार्रवाई कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने यह भी कहा कि पुलिस पर दबाव बनाने के लिए पीड़िता और उसके परिजनों ने आत्मदाह का प्रयास किया इसलिए उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल उनको पुलिस हिरासत में लिया गया है.