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रेलवे स्टेशन पर हड़कंप, हुआ ये खुलासा

jantaserishta.com
5 Sep 2022 3:18 AM GMT
रेलवे स्टेशन पर हड़कंप, हुआ ये खुलासा
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
टीम मुख्य साजिशकर्ता समेत अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
नई दिल्ली: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से पकड़े गए फर्जी टीटीई से पूर्व यहां 18 फर्जी सिक्योरिटी गार्ड भी ड्यूटी करते हुए कुछ दिन पहले पकड़े गए थे। जुलाई में इन गार्डों को तैनात किया गया था, जिसके बाद वे अजमेरी गेट की तरफ रेलवे स्टेशन के बाहर 15 दिनों तक ड्यूटी देते रहे थे। आरपीएफ अधिकारियों ने गार्डों को पकड़कर पूछताछ की लेकिन कुछ आपत्तिजनक नहीं मिलने पर उन्हें छोड़ दिया था। पुलिस सूत्रों से पता चला कि अगस्त में रेलवे स्टेशन के बाहर ड्यूटी कर रहे 18 सिक्योरिटी गार्ड को पकड़ा गया था। ये सिक्योरिटी गार्ड 15 दिनों से स्टेशन के बाहर अजमेरी गेट की तरफ ड्यूटी दे रहे थे। रेलवे अधिकारियों को इसकी भनक लगी तो पूरे मामले का खुलासा हुआ था।
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक पकड़े गए सिक्योरिटी गार्ड ने पूछताछ में बताया था कि वे नारायणा स्थित एक सिक्योरिटी एजेंसी के लिए काम करते हैं। उन्हें रेलवे स्टेशन के बाहर ट्रैफिक परिचालन और कोविड नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें बताया गया है कि रेलवे स्टेशन के आसपास जाम नहीं लगने देना है और वहां आने वाले वाहनों को ठीक जगह पार्क कराने की जिम्मेदारी उनकी है। सिक्योरिटी कंपनी के अधिकारियों से जब पुलिस ने संपर्क किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें स्टेशन के बाहर सुरक्षा बेहतर करने के लिए ठेका मिला है लेकिन वे इससे संबंधित दस्तावेज पेश नहीं कर सके थे।
रेलवे स्टेशन पर एक सप्ताह तक ड्यूटी करने वाले गगन उपाध्याय नाम के शख्स ने बताया कि उसे पता चला था कि नारायणा स्थित प्रियंका सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड में गार्ड की भर्ती हो रही है। कंपनी ने उसे रेलवे स्टेशन पर जुलाई के अंतिम सप्ताह में तैनात किया, जहां पहले से कई गार्ड नौकरी कर रहे थे। गगन ने कहा कि मुझसे ड्यूटी करा ली लेकिन रुपये नहीं दिए।
सूत्रों ने बताया कि कंपनी के अधिकारियों ने पूछताछ में स्टेशन पर गार्ड की ड्यूटी लगाने से संबंधित एक पत्र पेश किया था। कंपनी ने यह पत्र रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखा था, जिसमें कहा था कि वे कोरोना को ध्यान में रखते हुए रेलवे स्टेशन पर अपने सिक्योरिटी गार्ड की तैनाती कर रहे हैं। लेकिन इस पत्र पर किसी रेलवे अधिकारी या रेल मंत्री के हस्ताक्षर नहीं थे। पुलिस ने इसे फर्जी पाया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि फर्जी टीटीई के मामले में उसकी टीम मुख्य साजिशकर्ता समेत अन्य आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है। इस फर्जीवाड़े के तार दिल्ली के अलावा पंजाब से जुड़े हुए हैं, इसलिए पुलिस टीम आरोपियों की पहचान कर उनकी तलाश में जुटी है। पुलिस को उम्मीद है कि वह जल्द ही सरगना को गिरफ्तार कर लेगी। इसके बाद ही यह खुलासा होगा कि आरोपी कितने लोगों से अब तक ठगी कर चुके हैं।
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