मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के घर में बवाल मच गया है. इसकी वजह कथित क्लब हाउस में हुई बातचीत है. उनके छोटे भाई और वर्तमान विधायक लक्ष्मण सिंह की पत्नी रूबीना शर्मा सिंह ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है. इनका कहना है कि कश्मीरी पंडितों के लिए कभी रिजर्वेशन था ही नहीं. जबरदस्ती इस मुद्दे को उछाला जा रहा है. ये उनकी समझ के परे है. उन्होंने कहा कि वे दिग्विजय सिंह से लड़ नहीं रहीं. लेकिन, उन्होंने गलत बयान दिया. दिग्विजय सिंह की धारा 370 पर की गई बात को लेकर रूबीना शर्मा सिंह ने ट्वीट किया- 'कश्मीरी पंडितों और कथित आरक्षण के बारे में दुर्भाग्यपूर्ण शब्द बोले गए. यह सब सीमा पार के एक पत्रकार से कहा गया. एक ऐसा राष्ट्र जिसने हमें शांति से रहने नहीं दिया! मानो हमने कष्ट उठाया ही नहीं! पीड़ादायक और अनावश्यक!'उनका कहना है कि आर्टिकल 370 का दर्द मैंने भोगा है. दिल्ली में घर नहीं होता, तो कहां जाती. जिनका नहीं था, उनका क्या हुआ होगा? कांग्रेस को साफ करना चाहिए कि क्या वाकई 370 को लेकर उसकी फिर से विचार करने की योजना है, जैसा कि बयान दिया जा रहा है.
बातचीत में रूबीना सिंह ने कहा- मुझे जो कहना था, वह मैं ट्वीट के जरिए कह चुकी हूं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. कश्मीरी पंडितों को लेकर इस तरह की गैरजरूरी बात की जा रही हैं. यह बहुत पीड़ादायक है. मैं इसे मुद्दा नहीं बनाना चाहती. कांग्रेस को सोचना चाहिए कि ये क्या हो रहा है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के आरक्षण को लेकर जो बात कही जा रही है, वह तार्किक रूप से ही गलत है. उनके लिए कोई आरक्षण कभी था ही नहीं. मुझे यह समझ में नहीं आ रहा कि इस विषय को क्यों लाया जा रहा है?
आर्टिकल 370 पर रूबीना शर्मा सिंह ने कहा- मैं यह कह सकती हूं कि ज्यादातर कश्मीरी आर्टिकल 370 हटाने के फैसले से खुश हैं. इसके लागू रहने के दौरान कश्मीरी पंडितों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता था, यह किसी से छिपा नहीं है. वे उस समय खुश नहीं थे. सरकारों ने उनके लिए कोई खास कोशिश नहीं की. न ही कांग्रेस और न ही बीजेपी ने कुछ किया. उनके (दिग्विजय सिंह) धारा 370 पर दिए बयान पर कांग्रेस को यह साफ करना चाहिए कि क्या वाकई ऐसी कोई योजना है?
दिग्विजय सिंह के इस मामले पर रूबीना ने कहा- वे मेरे जेठ हैं. हम इसे पारिवारिक मामला नहीं बनाना चाहते. ये मेरी समझ से परे है कि वे इस मसले को क्यों उठा रहे हैं. वह भी एक पाकिस्तानी पत्रकार से. यह कतई सही नहीं है. कश्मीर पर ऐसा बयान जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है. मैं उनसे इस मामले पर झगड़ा नहीं कर रही हूं. सिर्फ यह बताना चाह रही हूं कि यह गलत है. यह जो हुआ है, वह ज्यादातर कश्मीरी पंडितों को ठेस पहुंचा रहा है. लोकतंत्र में उन्हें अपनी बात रखने की पूरी आजादी है, पर हमें बहुत दुख हुआ है.
रूबीना ने कहा- मैं मूल रूप से कश्मीरी हूं. मेरी मां कश्मीरी हैं. हमारे वहां दो घर थे. एक श्रीनगर में और एक गुलमर्ग में. जब यह समस्या (कश्मीरी पंडितों वाली) शुरू हुई, उस दौरान हमने अपने दोनों घर खो दिए. हमें घर छोड़कर दिल्ली आना पड़ा. किसी भी सरकार ने हमारी न ही चिंता की और न मदद की. न ही इन सब नुकसानों की भरपाई की. बीजेपी ने भी कोई मदद नहीं की. यह बहुत पीड़ादायक था. जब हमने उस भयानक दौर के बाद जीवन फिर से शुरू करना चाहा, तब भी कहीं से कोई मदद नहीं मिली.
Unfortunate words spoken about Kashmiri Pandits and so called reservation. All this said to a journalist from across the border. A nation that has not allowed us to be at peace! As if we haven't suffered enough! Hurtful and unnecessary!
— rubina sharma singh (@SharmaSinghR) June 12, 2021