पंडोह। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की वन लगाओ, रोज़ी कमाओ योजना के दूरगामी परिणाम आज जंगलों में साफ़ दिखाई दे रहे हैं। जंगल धीरे-धीरे खत्म होने लगे थे। शांता कुमार ने हिमाचल की खूबसूरती, पर्यावरण और वनों के विस्तार को युवाओं के लिए रोजग़ार के साथ जोड़ते हुए प्रदेश को समृद्धि की ओर बढ़ाया। युवाओं में …
पंडोह। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की वन लगाओ, रोज़ी कमाओ योजना के दूरगामी परिणाम आज जंगलों में साफ़ दिखाई दे रहे हैं। जंगल धीरे-धीरे खत्म होने लगे थे। शांता कुमार ने हिमाचल की खूबसूरती, पर्यावरण और वनों के विस्तार को युवाओं के लिए रोजग़ार के साथ जोड़ते हुए प्रदेश को समृद्धि की ओर बढ़ाया। युवाओं में वन संपदा को सुरक्षित और विस्तृत करने के अवसर मिले। युवाओं को आर्थिक लाभ के साथ वनों के विस्तार की प्रेरणा भी मिली।
वर्ष 1992 में लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आलोचन की थी। मगर आज 30 वर्षों के बाद हम अपने आसपास जो भी जंगल देख रहे हैं, यह सब शांता कुमार की देन हैं। उदाहरण देते हुए बीआर भाटिया ने पंड़ोह वन परिक्षेत्र की पडोह बीट में वन लगाओ, रोज़ी कमाओ योजना के माध्यम से चार हेक्टेयर वन भूमि पर अखऱोट, देवदार, चीड़ आदि का पौधरोपण किया था। आज यह एक बड़ा जंगल बन गया है। शुद्ध वातावरण और हरियाली देखते ही बन रही है।