भारत

भविष्य में आ सकती है बड़ी आपदा, इसे लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित

Nilmani Pal
27 March 2022 2:08 AM GMT
भविष्य में आ सकती है बड़ी आपदा, इसे लेकर वैज्ञानिक भी चिंतित
x

अंटार्कटिका (Antarctica) में भविष्य में बड़ी आपदा आ सकती है. क्योंकि यहां के सबसे सुरक्षित और स्थिर माने जाने वाले पूर्वी इलाके में 783.8 वर्ग किलोमीटर बड़ी बर्फ की चट्टान (Ice Shelf) टूटकर सागर में बिखर गई है. यह चट्टान भारत के दूसरे बड़े शहर बेंगलुरु से आकार में 42 वर्ग किलोमीटर बड़ी है. दिक्कत ये है कि इस तरह ऐसे किसी प्राकृतिक हादसे की उम्मीद वैज्ञानिकों को नहीं थी. लेकिन अब उन्हें डर है कि कहीं इससे भविष्य में कोई बड़ी आपदा न आए.

सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि ये बर्फ की चट्टान 14 मार्च 2022 से 16 मार्च 2022 के बीच टूटकर बिखर गई. सैटेलाइट तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ है. इस बर्फ की चट्टान का नाम है द ग्लेंजर कोंगर आइस सेल्फ (The Glenzer Conger Ice Shelf). यह पूर्वी अंटार्कटिका (East Antarctica) में स्थित है. यूनिवर्सिटी ऑफ मिनेसोटा के ग्लेसियोलॉजिस्ट पीटर नेफ ने कहा कि द ग्लेंजर कोंगर आइस सेल्फ हजारों सालों से वहां मौजूद था. अब वहां पर ऐसी कोई आकृति दोबारा नहीं बन पाएगी.

पीटर ने बताया कि यह बात सही है कि द ग्लेंजर कोंगर आइस सेल्फ (The Glenzer Conger Ice Shelf) 1970 के दशक से थोड़ी पतली होने लगी थी. लेकिन यह आशंका नहीं थी कि यह अचानक से टूटकर बिखर जाएगी. इस बिखराव से करीब एक महीने पहले ही यहां पर तेजी से बर्फ पिघलने लगी और यह बड़ी भारी चट्टान अचानक से टूट गई.

अंटार्कटिका दो हिस्सों में बंटा है. पूर्वी अंटार्कटिका और पश्चिमी अंटार्कटिका. इन दोनों को ट्रांसअंटार्कटिक पहाड़ों की रेंज (Transantarctic Mountain Range) आधे से बांटती है. यह बात प्रमाणित है कि पश्चिमी अंटार्कटिका में बर्फ कमजोर है. वह तेजी से पिघल रही है. वहां अक्सर बर्फ की चट्टानें और आइसबर्ग टूटते रहते हैं. लेकिन यह बात पूर्वी अंटार्कटिका पर लागू नहीं होती. पूर्वी अंटार्कटिका (East Antarctica) पूरी दुनिया में सबसे ठंडा और सूखा इलाका माना जाता है. वहां से बर्फ की चट्टानों के टूटने की खबर कभी नहीं आती. समाचार एजेंसी एपी के अनुसार पूर्वी अंटार्कटिका में यह पहली बार हुआ है कि जब मानव इतिहास में कोई इतनी बड़ी बर्फ की चट्टान टूटी हो. इससे पहले कई सौ सालों से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है यहां.

18 मार्च 2022 को पूर्वी अंटार्कटिका में स्थित रिसर्च स्टेशन कॉन्कॉर्डिया (Concordia Research Station) ने महाद्वीप के पूर्वी किनारे पर तापमान माइनस 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था. जो मार्च के महीने का सबसे ज्यादा तापमान वाला दिन था. थोड़ा ज्यादा नहीं, बल्कि सामान्य से 40 डिग्री सेल्सियस ज्यादा. जो अंटार्कटिका के खतरनाक बात है.

Next Story