मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग में पार्टी ने नाम, निशान और नियंत्रण के मुद्दे पर अपना जवाब दाखिल कर कहा कि पार्टी में कोई दोफाड़ नहीं. विभाजन से इंकार करते हुए पार्टी नेता शरद पवार की ओर से कहा गया है कि जिन चालीस विधायकों ने बगावत की है उनको अयोग्य करने के लिए पार्टी की ओर से विधान सभा स्पीकर के पास अर्जी लगा दी गई है. तभी से सभी चालीस बागियों को पार्टी की कार्यसमिति और अन्य पदों से हटा भी दिया गया है.
निर्वाचन आयोग ने एनसीपी के दोनों दावादार धड़ों के आवेदन पर विचार किया. दोनों धड़ों के पार्टी पर नियंत्रण के अलग अलग दावे हैं. दावों की पड़ताल के लिए आयोग ने दोनों को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था. अजीत पवार गुट ने तो जवाब दाखिल कर दिया था. लेकिन अगस्त में आयोग ने पवार गुट को 13 सितंबर तक जवाब दाखिल करने की मोहलत दी थी. अजित पवार गुट ने 30 जून को ही निर्वाचन आयोग में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल कर आयोग को सूचित किया था कि पार्टी ने अपना अध्यक्ष बदल दिया है. अब अजित पवार को एनसीपी ने अपना अध्यक्ष चुना है.
अजित पवार गुट ने अपने जवाब में ये भी दावा किया था कि असली एनसीपी उनकी वाली ही है. इसी आधार पर अजित गुट ने निर्वाचन आयोग में एनसीपी पर अधिकार, चुनाव चिह्न और नाम पर दावे की याचिका दाखिल की थी.