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गगनयान का विकास इंजन तीसरी आजमाइश पर भी खरा उतरा
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को अपने पहले मानवयुक्त अभियान 'गगनयान' के लिए तरल प्रणोदक इंजन 'विकास' का लंबी अवधि का तीसरा सफल उष्ण परीक्षण किया। इस अभियान के तहत रूस में चार अंतरिक्ष यात्री पहले ही स्पेस में उड़ान भरने का प्रशिक्षण हासिल कर चुके हैं।
इसरो की ओर से जारी बयान के मुताबिक यह परीक्षण गगनयान के लिए इंजन योग्यता जरूरत के तहत जीएसएलवी एमके-3 यान के एल-110 तरल चरण के लिए किया गया। इसरो प्रोपल्शन कॉम्प्लेक्स (आईपीआरसी), महेंद्रगिरि (तमिलनाडु) के परीक्षण केंद्र में इंजन को 240 सेकंड के लिए प्रक्षेपित किया गया।
बयान के अनुसार इस दौरान इंजन ने परीक्षण के उद्देश्यों को पूरा किया। पूरी अवधि के दौरान इंजन मानक अनुमानों के अनुरूप था। गगनयान अभियान का मकसद किसी भारतीय प्रक्षेपण यान से मानव को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजने और वापस धरती पर लाने की क्षमता प्रदर्शित करना है।
केंद्रीय अंतरिक्ष मंत्री जितेंद्र सिंह ने इस साल फरवरी में कहा था कि पहला मानव रहित मिशन दिसंबर 2021 और दूसरा 2022-23 में प्रक्षेपित किया जाएगा। इसके बाद 'गगनयान' के जरिए मनुष्य को अंतरिक्ष में भेजने की योजना है।
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