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PM नरेेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक तो हुई है...जब CJI एनवी रमणा ने दागे ये सवाल
jantaserishta.com
10 Jan 2022 12:35 PM GMT
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दिल्ली: पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में जांच के लिए अब एक नई कमेटी बनाने का फैसला हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को लंबी सुनवाई और जोरदार बहस के बाद ये फैसला सुनाया गया.
इस दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट एक रिटायर्ड जज की अगुवाई में अपनी जांच कमेटी बनाना चाहती हैं. पंजाब सरकार और केंद्र सरकार की अलग-अलग जांच बंद हो और सुप्रीम कोर्ट की कमेटी जांच करेगी. उस कमेटी में एनआईए के एजी को भी शामिल किया गया है.
पीएम की सुरक्षा में चूक को लेकर हुई सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. मुख्य न्याय़ाधीश जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुवाई में एक जांच कमेटी बनेगी. उस कमेटी में डीजीपी चंडीगढ़, आईजी एनआईए, एडिशनल डीजी पंजाब और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल शामिल होंगे. अभी पंजाब और केंद्र की तरफ से जो अलग-अलग जांच चल रही है, वो बंद होगी.
इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में लंबी बहस हुई. सॉलिसिटर जनरल ने जांच कमेटी में पंजाब के एडीजीपी को शामिल करने पर आपत्ति जताई. सॉलिसिटर जनरल कहना है कि एडीजीपी सिक्य़ोरिटी खुद जांच के दायरे में है, इसलिए वो जांच दल के सदस्य नहीं हो सकते. सॉलिसिटर जनरल ने साफ कहा कि ये खुफिया नाकामी का नतीजा था. इसलिए पंजाब के जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लेने में कोई हर्ज नहीं.
एसजी ने राज्य सरकार पर अपने लापरवाह अधिकारियों को बचाने का आरोप लगाया. इस पर जस्टिस हिमा कोहली ने कहा, ऐसा लगता है कि आप पहले ही तय कर चुके हैं कि कौन गुनहगार है. अगर ऐसा है तो कोर्ट क्यों आए? जस्टिस कोहली ने कहा कि जब शुक्रवार को हमने कार्रवाई रोकने को कहा था तो आपने नोटिस किस आधार पर भेजा?
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि नोटिस तो शुक्रवार को हुई सुनवाई से पहले ही जारी कर दिए गए थे.
जस्टिस सूर्यकांत ने भी सॉलिसिटर जनरल से कहा कि आपका कारण बताओ नोटिस विरोधाभास से भरा है. एक तरफ आप कह रहे हैं कि आप जांच कमेटी बना रहे हैं और दूसरी आप उन्हें दोषी बता रहे हैं. इसमें जांच कहां है?
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने पंजाब के अफसरों को कारण बताओ नोटिस देने पर सवाल किए.
चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि अगर आप राज्य के अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कदम उठाना चाहते हैं तो फिर कोर्ट के लिए बाकी क्या कह जाता है?
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ये प्रधानमंत्री की सुरक्षा का मामला है. केंद्र सरकार का टॉप अधिकारी इसकी जांच कर सकता है.
इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ऐसी छवि पेश करने की कोशिश ना करें कि हम पीएम की सुरक्षा को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं.
कोर्ट में पंजाब की तरफ से एडवोकेट जनरल ने पक्ष रखा और केंद्र की जांच कमेटी पर सवाल उठाए. पंजाब के एडवोकेट जनरल ने कहा कि केंद्र की जांच कमेटी में आईजी एसपीजी भी शामिल हैं जबकि हम हमारी नजर वो कसूरवार हैं. कमेटी की अगुवाई गृह सचिव कर रहे हैं और गृह मंत्रालय कारण बताओ नोटिस देकर पहले ही हमें दोषी मान चुका है. ऐसे में गृह मंत्रालय के सचिव कैसे जांच करेंगे.
सॉलिसिटर जनरल ने सुझाव दिया कि केंद्र सरकार की कमेटी जांच करे और कोर्ट को अपनी रिपोर्ट दे. कमेटी या सरकार अपनी ओर से किसी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगी. लेकिन तमाम दलीलों को सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपनी कमेटी बनाने का फैसला सुना दिया.
ये था पूरा मामला
पीएम मोदी 5 जनवरी को पंजाब दौरे पर गए थे. यहां सड़क के रास्ते हुसैनीवाला जाते वक्त कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक लिया था. इसके बाद पीएम मोदी का काफिला यहां 15-20 मिनट रुका रहा. इसे पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक बताई जा रही है. इसे लेकर गृह मंत्रालय और पंजाब सरकार की कमेटी अलग अलग जांच कर रही थी.
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