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विदेश में हैं 1.3 करोड़ से अधिक भारतीय, भारत सरकार ने लोकसभा में पेश किया डेटा
jantaserishta.com
1 Dec 2021 9:25 AM GMT
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फाइल फोटो
नई दिल्ली: भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले और विदेशी नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले भारतीयों की संख्या पर पिछले पांच वर्षों का डेटा लोकसभा में पेश किया गया. यह डेटा केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया.
सांसद हिबी के एक सवाल का जवाब मंत्री दे रहे थे. पूछा गया था कि क्या सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लागू करने और दोनों मामलों में हुई प्रगति पर विचार कर रही है.
इसके जवाब में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (सीएए) को 12 दिसंबर 2019 को लाया गया था. यह 1 अप्रैल 2019 से लागू हुआ. उन्होंने कहा कि सीएए के तहत आने वाले व्यक्ति नियम लागू होने के बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. अब तक सरकार ने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया है.
इस साल सितंबर के अंत तक 1.3 करोड़ से अधिक भारतीय विदेश में रह रहे हैं. 2017 से लगभग 6.08 लाख लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ दी है. अब वे अन्य देशों के नागरिक हो चुके हैं. दूसरी ओर पिछले 5 वर्षों के दौरान 87 देशों के 10,646 नागरिकों ने भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया. सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इसी अवधि में 4177 को भारतीय नागरिकता मिली थी.
सबसे ज्यादा पाकिस्तान के लोगों ने किया आवेदन
2016 के बाद से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले 87 देशों के 10,646 लोगों में से अधिकतम पाकिस्तान से आए. सूत्रों के अनुसार, कुल 7782 पाकिस्तानी नागरिकों ने भारत की नागरिकता पाने के लिए आवेदन किया. जबकि 184 बांग्लादेश से थे और 795 अफगानिस्तान से थे.
सरकार के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, 2020 से पहले दस वर्षों में 70 देशों के 21,211 से अधिक लोगों ने भारत की नागरिकता हासिल कर ली थी. इनमें 15,176 बांग्लादेशी हैं. इसके बाद 4,085 पाकिस्तानी हैं, जो 2011 से 6 मार्च 2020 के बीच भारतीय बने. साल 2015 में भारत बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा करार किया गया था. जून 2015 में स्वैप समझौता किया गया. इसी अवधि में 1107 अफगानिस्तान के लोगों को भारत की नागरिकता मिली.
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