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फिर ताबड़तोड़ एक्शन: ईडी की छापेमारी, अब सामने आई ये बात
jantaserishta.com
11 Sep 2022 3:09 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
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नई दिल्ली: कोलकाता में ED ने छापेमारी कर भारी संख्या में कैश बरामद किया है. ये कार्रवाई एक कारोबारी के घर हुई. ED के अधिकारियों के मुताबिक कारोबारी के घर से 17 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कोलकाता की एक मोबाइल गेमिंग ऐप कंपनी के प्रमोटरों पर छापेमारी के बाद 17.32 करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं. अब इस मामले में सियासत शुरू हो गई है.
एजेंसी के मुताबिक अब इस केस में ED ऐप प्रमोटरों के पॉलिटिकल लिंक के एंगल पर भी जांच कर रही है. साथ ही ये भी पता लगा रही है कि इस कैश के किनसे लूटा गया है.मतलब इसके वास्तविक लाभार्थी कौन हैं. ED ने जांच में नोटो के बंडल जब्त किए थे. इसमें 500 रुपये के नोटों के बंडलों के साथ ही 2000 और 100 रुपये के नोटो की गड्डियां भी मिली हैं.
#WATCH | Several currency counting machines continue to count crores in cash at businessman Nisar Khan's residence in Kolkata of West Bengal, during ED's raid pic.twitter.com/eVnC6Um7Gh
— ANI (@ANI) September 10, 2022
ईडी ने ये कार्रवाई कोलकाता को गार्डनरीच इलाके में की थी. जांच एजेंसी आऱोपी आमिर खान की इस मामले में तलाश कर रही है. बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान मुख्य आरोपी आमिर टीम को नहीं मिला. एजेंसी के अधिकारियों ने नोट गिनने के लिए 8 मशीनें लगाईं. साथ ही नकदी की सही कीमत का पता लगाने के लिए बैंक कर्मचारियों को भी बुलाया गया. इसके बाद एक ट्रक भी शाम को स्टील की बड़ी-बड़ी टंकियां लेकर मौके पर पहुंच गया ताकि जब्त की गई नकदी को बैंक में जमा करने के लिए ले जाया जा सके.
CRPF के जवानों ने ED की टीमों को गार्डन रीच, पार्क स्ट्रीट और मोमिनपुर में पहुंचाया. ईडी ने एक बयान में कहा कि 'ई-नगेट्स' गेमिंग ऐप के प्रमोटर आमिर खान और अन्य के खिलाफ छापेमारी की गई है. इसके लिए टीम ने 6 जगहों पर तलाशी ली है.
10 अगस्त को हुई ED की कार्रवाई के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) और BJP के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है. TMC के वरिष्ठ मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि उनकी पार्टी का आरोपी कारोबारी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन आरोप लगाया कि ED लोगों के बीच डर फैलाकर निवेशकों को राज्य से दूर करना चाहती है. वहीं भाजपा ने आरोप को खारिज करते हुए कहा कि छापे केवल बेईमान व्यापारियों के खिलाफ थे. साथ ही टीएमसी नेता से पूछा कि क्या उनके पास छिपाने के लिए कुछ है.
वहीं टीएमसी नेता हाकिम ने कहा कि क्या मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में ईडी की जांच पश्चिम बंगाल जैसे गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों तक सीमित है. अगर जांच में 17 करोड़ रुपये का पता चला है, तो उस पैसे के सोर्स की निश्चित रूप से जांच की जानी चाहिए. साथ ही कहा कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी का क्या, जिन्होंने 7,000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी? उनके (भारत) से जाने से पहले उनका गलत काम क्यों सामने नहीं आया. उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में व्यवसायी हैं और उन्होंने बड़ी मात्रा में धन भी जमा किया होगा.
टीएमसी के वरिष्ठ नेता ने आरोप लगाया कि क्या इसका मतलब यह है कि छापे की कार्रवाई बंगाल जैसे गैर-भाजपा शासित राज्यों के व्यापारियों के खिलाफ की जाएगी. केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उत्पीड़न के डर से निवेशकों को बंगाल आने से रोकने के लिए है. इसका पलटवार करते हुए बीजेपी के राज्य प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने दावा किया कि इस तरह के बयान डर से आते हैं. क्योंकि लोग मनी लॉन्ड्रिंग और टीएमसी के बीच गठजोड़ से वाकिफ हैं. साथ ही कहा कि ईडी की छापेमारी सामान्य रूप से व्यापारिक समुदाय के खिलाफ नहीं है. यह केवल बेईमान व्यापारियों के खिलाफ है.
इससे पहले अगस्त में ED ने पश्चिम बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के ठिकानों पर छापेमारी की थी. जहां से 50 करोड़ से ज्यादा कैश और गोल्ड बरामद किया था. एजेंसी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.
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