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फिर मानवता शर्मसार हुई...मैनेजर के शव को...परिजन फफक कर रो पड़े

jantaserishta.com
13 April 2024 11:18 AM GMT
फिर मानवता शर्मसार हुई...मैनेजर के शव को...परिजन फफक कर रो पड़े
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सांकेतिक तस्वीर
पुलिस ने लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया है।
लखनऊ: यूपी में एक बार फिर मानवता शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है। लखनऊ जिले के बंथरा क्षेत्र में लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस वे बना रही हाईड्रा (क्रेन) से कुचलकर एरीजे एग्रो कम्पनी के मैनेजर देशराम (45)की मौत हो गई। हादसे में उसका एक पैर भी कट गया था। पीएनसी, एरीज कंपनी कर्मचारियों ने लापरवाही छिपाने को इसे सड़क हादसा बताने की साजिश रची। फिर कुछ लोगों के साथ मैनेजर का शव सोहरामऊ में सड़क किनारे फेंक आए। देशराम से जब उनके परिवार वालों का संपर्क नहीं हुआ तो उन्होंने देशराम की खोजबीन शुरू कर दी। बंथरा थाने में गुमशुदगी दर्ज हुई तो खुलासा हुआ कि देशराम के शव का सोहरामऊ पुलिस ने लावारिस में अंतिम संस्कार कर दिया है।
जांच में दोनों कम्पनियों के कर्मचारियों की यह शर्मनाक करतूत सामने आई। इसके बाद ही देशराम की पत्नी की तहरीर पर बंथरा पुलिस ने पीएनसी और एरीज एग्रो कम्पनी के मालिकों समेत पांच नामजद व अन्य अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ हत्या, साक्ष्य छिपाने व साजिश का मुकदमा दर्ज कराया है। डीसीपी तेज स्वरूप का कहना है कि दोनों कम्पनी के अफसर-कर्मचारी फरार हो गये है। चार हिरासत में लिए गए हैं। रायबरेली के हरचंदरपुर, हजियापुर निवासी देशराम एरीजे एग्रो कंपनी में पांच साल से काम कर रहा था। पांच अप्रैल को कर्मचारी दीपक ने देशराम की पत्नी सरस्वती को फोन किया कि वह तीन अप्रैल से आफिस नहीं आ रहा है। तीन अप्रैल की सुबह 11 बजे घर वालों की अंतिम बातचीत देशराम से हुई थी।
बेटी शालिनी ने आठ अप्रैल को बंथरा में गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस को पता चला कि चार अप्रैल को सोहरामऊ में लखनऊ-कानपुर हाइवे किनारे शव मिला। तीन दिन बाद पुलिस ने सात अप्रैल को अंतिम संस्कार कर दिया। सरस्वती, शालिनी बंथरा थाने पहुंचे। पुलिस ने कपड़े, फोटो दिखाई तो परिजनों ने देशराम की शिनाख्त की।
एडीसीपी शशांक सिंह ने बताया कि दोनों कंपनियों के मालिक, डीजीएस साहू, गोपाल पात्रा, कानपुर के मृत्युंजय, कंपनी के अज्ञात कर्मचारियों पर केस दर्ज किया गया। शव ठिकाने लगाने के बाद ड्राइवर, कई कर्मचारी फरार हैं। लोगों ने पुलिस को बताया कि हाइड्रा, डाला चालक के अलावा शव को उन्नाव ले जाने में कई कर्मचारी शामिल रहे। पुलिस ने सबका ब्योरा मांगा है।
घरवालों ने बताया कि वह चार अप्रैल को मौके पर आये तो कमरा दिखाया गया। यहां सामान रखा मिला। गार्ड व अन्य कर्मचारियों ने कहा कि देशराम कुछ मानसिक बीमार थे। वह अजीब हरकत करने लगते थे। शायद वह कहीं चले गए हैं। यह सब बता घर वालों को कम्पनी के लोग गुमराह करते रहे।
लोगों ने पीएनसी व एरीज एग्रो के कर्मचारियों को सूचना तो दी पर उसे अस्पताल नहीं ले गये। मौके पर ही मौत हो गई थी। घटना छिपाने के लिये शव सोहरामऊ में कुशहरी गांव के पास हाफ डाला से ले जाकर सड़क पर फेंक दिया। घर वालों का आरोप है कि तुरन्त अस्पताल ले जाते तो जान बच सकती थी।
डीसीपी दक्षिणी तेज स्वरूप के मुताबिक जांच में आया कि वह निर्माण स्थल पर रवि के साथ रहता था। तीन अप्रैल को फोन पर बात करते हुए निकल गया था। इस दौरान क्रेन से देशराम दब गया। शिनाख्त पर पता चला कि कम्पनी के अस्थायी कार्यालय के पास झोपड़ीनुमा घर में पीएनसी कर्मचारी रवि पाण्डेय रहता है। देशराम साथ रहता था। रवि ने कबूला कि तीन अप्रैल की रात में ही देशराम की मौत हो गई थी। उसे कुछ न बोलने के लिये कहा गया था। सोहरामऊ इंस्पेक्टर के मुताबिक देशराम का दाहिना पैर कटा मिला था।
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