कहते हैं कि मन में यदि कुछ करने की इच्छाशक्ति हो तो रास्ते की बाधाएं भी इंसान को कामयाबी हासिल करने से रोक नहीं सकती. इसे सच साबित कर दिखाया राजस्थान (Rajasthan) के सरहदी जिले जैसलमेर (Jaisalmer) में जोगी समुदाय से आने वाले प्रेमनाथ ने. सांप का खेल और कालबेलिया नृत्य (Kalbelia Dance) कर अपना गुजर बसर करने वाले जोगी समुदाय (Jogi Community) के इस युवक ने अपनी मेहनत से सब-इंस्पेक्टर बनने का गौरव हासिल किया है. यह उपलब्धि हासिल करने वाले प्रेमनाथ जोगी समुदाय से आने वाले पहले व्यक्ति हैं. प्रेमनाथ के घर अब बधाइयां देने वालो का तांता लगा हुआ है.
बचपन में ही प्रेमनाथ के सिर से माता-पिता का साया उठ गया था जिससे वो उसी उम्र में खानाबदोश की जिंदगी गुजारने को मजबूर हो गए. दो अनपढ़ बड़े भाई मजदूरी करते थे मगर प्रेमनाथ के मन में कुछ करने का जुनून था इसलिए वो शिक्षा हासिल करने में जुट गए. आम तौर पर जगह-जगह घूमकर सांपों के खेल और कालबेलिया नृत्य दिखाकर अपना पेट पालने वाला जोगी समुदाय का शिक्षा से कभी सरोकार नहीं रहा है. लेकिन प्रेमनाथ ने तमाम तरह की मुश्किलों के बाद वर्ष 2018 में राजस्थान पुलिस कॉन्स्टेबल की परीक्षा पास की. पटवारी भर्ती परीक्षा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा में नाकाम होने के बाद प्रेमनाथ ने पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखा. इसे पूरा करने के लिए प्रेमनाथ ने दिन-रात एक कर दिया और कड़ी मेहनत की. अब प्रेमनाथ के कंधे पर सितारे लगने जा रहे हैं. प्रेमनाथ के मुताबिक कभी कोई सफलता संघर्ष के बिना नहीं मिलती. उसे इस बात की खुशी है कि वो अपने समाज के पहले सब-इंस्पेक्टर बने हैं.
जोगी समुदाय में पश्चिमी राजस्थान से प्रेमनाथ पहला युवा है जो अपनी मेहनत और लगन से सीधे सब-इंस्पेक्टर पद पर पहुंचे हैं. बाड़मेर-जैसलमेर में शिक्षा के लिहाज से जोगी समुदाय बहुत पिछड़ा हुआ है. वो दिहाड़ी मजदूर या घर-घर जाकर मांगकर जिंदगी गुजारने तक ही सीमित है. महज आठ साल की उम्र में प्रेमनाथ के पिता का निधन हो गया था. तब बड़े भाई गणेशनाथ ने घर की जिम्मेदारी संभाली लेकिन बइया गांव में रोजगार नहीं होने से परिवार पलायन कर शिव तहसील के भियाड़ गांव चला गया. यहां गणेशनाथ ने पहाड़ों पर पत्थर तोड़कर परिवार को पालने के साथ प्रेमनाथ की भी पढ़ाई जारी रखी. प्रेमनाथ का वर्ष 2018 में पुलिस कॉन्स्टेबल पद पर चयन हो गया. उसे अब बाड़मेर ग्रामीण पुलिस थाना में नियुक्ति मिली है.