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शव को लेकर श्मशान घाट के बाहर बैठी थी महिला, एक फोन पर मिली मदद

Nilmani Pal
24 May 2023 12:45 AM GMT
शव को लेकर श्मशान घाट के बाहर बैठी थी महिला, एक फोन पर मिली मदद
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उत्तर प्रदेश। मुजफ्फरनगर जनपद में एक बेबस मां की लाचारी उस समय देखने को मिली जब बीमारी के चलते उसके 22 साल के एक नौजवान बेटे की मेरठ अस्पताल में मौत हो गई. इस बेबस मां की लाचारी इतनी थी कि उसके पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार ही कर सकें. जिसके बाद लावारिसों की वारिस कही जाने वाली साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष शालू सैनी ने आगे बढ़कर इस बेबस मां के मृत बेटे का अंतिम संस्कार किया.

आपको बता दें कि आजमगढ़ से रोजगार के लिए 1 साल पहले शारदा नाम की एक महिला अपने एक 22 वर्ष के बेटे राहुल यादव के साथ मुजफ्फरनगर आई थी. यहां पर आकर राहुल एक फैक्ट्री में काम करने लगा था, लेकिन कुछ महीने पहले राहुल के फेफड़ों में संक्रमण हो गया था, जिसके चलते वह बीमार रहने लगा था. जिला अस्पताल से इलाज के बाद डॉक्टरों ने राहुल की हालत को नाजुक देखते हुए कुछ दिन पहले मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया था. लेकिन वहां इलाज के दौरान राहुल की 20 मई को दुखद मौत हो गई. जिसके बाद राहुल की मां शारदा अपने बेटे को किसी तरह मेरठ से मुजफ्फरनगर श्मशान घाट तक तो ले आई थी, लेकिन यहां आकर उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह अपने बेटे का अंतिम संस्कार कर सके. इसके बाद किसी तरह जानकारी होने पर 21 मई को नगर कोतवाली क्षेत्र स्थित श्मशान घाट पर पहुंची साक्षी वेलफेयर ट्रस्ट की अध्यक्ष क्रांतिकारी शालू सैनी ने इस बेबस मां के बेटे राहुल यादव का अंतिम संस्कार किया था.

इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए शालू सैनी ने बताया कि मेरे पास फोन आया था कि पूरी रात से एक महिला अपने बेटे के शव को लेकर श्मशान घाट के बाहर बैठी है. मेरे पास यह कॉल सुबह करीब साढ़े चार बजे के आसपास आया था. तों मैं उसी समय अपनी स्कूटी उठाकर श्मशान घाट पहुंची. इसके बाद हमने राहुल का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से किया. उस समय किसी की दुकान भी नहीं खुली हुई थी तो हमने दुकान खुलवाई व अनोष्टि का समान लिया और उसके बाद हमने उस बच्चे का अंतिम संस्कार किया.


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