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ज्वाइनिंग करते समय रो पड़ी महिला OSD, मृतक पति की फोटो देख आ गए आंसू

Nilmani Pal
12 Oct 2021 2:54 PM GMT
ज्वाइनिंग करते समय रो पड़ी महिला OSD, मृतक पति की फोटो देख आ गए आंसू
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गोरखपुर में पुलिस के हाथों मारे गए प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी केडीए में ओएसडी का पदभार मंगलवार को संभाल लिया। पद ग्रहण करते ही मिनाक्षी फफक कर रो पड़ीं। विशेष कार्याधिकारी के रूप में उन्हें परिजनों के भरण-पोषण का सहारा तो मिल गया मगर गोरखपुर में पति के साथ पुलिस वालों की क्रूरता शायद ही कभी भूल पाएं। ज्वाइनिंग के बाद अपने चैंबर में जैसे ही कुर्सी पर बैठीं, मोबाइल पर पति की फोटो देख उनकी आंखों से आंसू आ गए।

मीनाक्षी मंगलवार दोपहर 12 बजे टेम्पो से बेटे अभिराज, भाई सौरभ गुप्ता और चाचा ईश्वरचंद के साथ केडीए पहुंचीं। इससे पहले वह कभी केडीए नहीं आई थीं, ऐसे में जानकारी नहीं थी कि उपाध्यक्ष अरविंद सिंह का चैंबर किधर है। पोर्टिको में कर्मचारी से पूछने के बाद वह प्रथम तल पर पहुंचीं। वहां तैनात सेना के रिटायर जवानों से पूछा तो उन्होंने सलाम किया और वीसी के चैंबर तक पहुंचाया। वीसी ने उन्हें और परिजनों को आदर से बैठाया और सचिव शत्रोहन वैश्य, अपर सचिव डॉ. गुडाकेश शर्मा व अनु सचिव केसीएम सिंह को वहीं बुलाकर ज्वाइनिंग की प्रक्रिया पूरी कराई। मनीषा की जिंदगी में नए अध्याय की शुरुआत तो हो रही थी मगर वह चैंबर में 15 मिनट बैठने के बाद भी उदास ही रहीं। उपाध्यक्ष ने उनसे कहा कि शासन के निर्देश पर आपकी ज्वाइनिंग हो रही है। दुख की इस घड़ी में केडीए परिवार हर वक्त आपके साथ खड़ा मिलेगा।

ज्वाइनिंग के बाद केडीए की महिला कर्मचारी मीनाक्षी को लेकर उनके चैंबर में पहुंचीं जो दूसरे तल पर आवंटित किया गया है। इस चैंबर में पहले तहसीलदार अर्चना अग्निहोत्री बैठा करती थीं। उनके बाद मीनाक्षी बैठीं। कुर्सी पर बैठते ही उन्होंने मोबाइल पर मनीष की फोटो देखी, इसके बाद उनकी आंखों से आंसू निकल गए। गोद में उनका बेटा था जबकि सामने अन्य परिजन बैठे थे। कुछ ही देर में ओएसडी रेनू पाठक ने उन्हें बुला लिया। रेनू पाठक को भी केडीए में ओएसडी तब बनाया गया था जब उनके पीसीएस अधिकारी पति सीपी पाठक कानपुर के दंगों में शहीद हो गए थे। उन्होंने अपने चैंबर में आधे घंटे तक मनीषा को बैठाए रखा और सांत्वना दी।

मनीषा गुप्ता को ज्वाइनिंग के बाद केयर टेकर विभाग से कार आवंटित की गई। इसी कार से उन्हें घर भेजा गया। दरअसल, उन्होंने उपाध्यक्ष से आग्रह किया था कि वह सोमवार से विधिवत केडीए दफ्तर में काम करना चाहती हैं। उपाध्यक्ष ने कहा कि वह नि:संकोच वर्क फ्रॉम होम करें। अभी दुख की ऐसी घड़ी में उन पर काम का कोई दबाव नहीं डाला जाएगा। मीनाक्षी को छोड़ने के लिए केडीए की कई महिला कर्मचारी नीचे तक आईं। लगभग सवा घंटे तक वह केडीए में रहीं।

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