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मृतक प्रॉपर्टी डीलर की पत्नी भड़कीं, कहा- मुख्यमंत्री से फोन पर बात करने की खबर झूठ, देखें पूरा वीडियो
jantaserishta.com
29 Sep 2021 11:55 AM GMT
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कानपुर: गोरखपुर में कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के मामला बड़ा होता जा रहा है. कानपुर में मनीष के शव का अंतिम संस्कार कराए जाने पर बवाल है. पत्नी मीनाक्षी का कहना है कि जब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात नहीं हो जाती है, तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता भी हंगामा कर रहे हैं.
वहीं कानपुर पुलिस की ओर से मनीष गुप्ता के शव के अंतिम संस्कार के लिए परिवार से मान-मनौव्वल किया जा रहा है. कानपुर में मृतक के घर पर पुलिस और परिजनों में बॉडी उठाने को लेकर झड़प भी हुई है. परिजन लिखित सहायता और कार्यवाई को लेकर अड़े हैं. वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस विरोध में नारेबाजी भी की.
गोरखपुर में पुलिस की दरिंदगी का शिकार हुए मनीष गुप्ता का शव कानपुर पहुंचने पर जमकर हंगामा हुआ। समाजवादियों की पुलिस से धक्कामुक्की हुई। #Kanpur #Gorakhpur @NBTLucknow pic.twitter.com/HHwF1ZTlmE
— Praveen Mohta (@MohtaPraveenNBT) September 29, 2021
मुख्यमंत्री पर भड़कीं पत्नी
इस बीच पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात न हो पाने पर कहा, 'मेरी किसी से बात नहीं हुई हैं, मुख्यमंत्रीजी से बिल्कुल नहीं हुई है, वह बहुत बिजी रहते हैं और यह छोटा-मोटा कांड है, होता रहता है, पुलिसवाले ने किया तो क्या हुआ, उनके लिए नॉर्मल है लेकिन मेरे लिए महत्वपूर्ण है.'
मीनाक्षी गुप्ता ने कहा, 'मुख्यमंत्री से फोन पर बात करने की खबर झूठी है, न तो उनकी तरफ से कोई कॉल आई है और न मेरी तरफ से गई है, मैंने उनकी आवाज अपनी कानों में टीवी के अलावा अब तक नहीं सुनी है, पुलिसवालों ने मेरे पति की हत्या की है, यह पूरी तरह से कत्ल है.'
क्या है पूरा मामला
दरअसल, प्रॉपर्टी डीलर मनीष कुमार गुप्ता (36 वर्ष) अपने दोस्त अरविंद सिंह और प्रदीप के साथ गोरखपुर के रामगढ़ताल थानाक्षेत्र के देवरिया बाईपास रोड पर स्थित कृष्णा पैलेस के 512 नंबर कमरे में ठहरे थे. वे यहां पर अपने दोस्त गोरखपुर के रहने बढ़यापार के रहने वाले चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद से मिलने के लिए आए थे.
सोमवार की रात 12.30 बजे रामगढ़ताल थाने के थाना प्रभारी जेएन सिंह, सब्जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसकर्मी उनके कमरे में आए और पहचान पत्र दिखाने की बात करने लगे. पहचान पत्र नीचे रिशेप्शन पर देखने की बात कहने पर पुलिसकर्मियों ने तीनों को थप्पड़ से मारना शुरू कर दिया और अरविंद और प्रदीप को लेकर नीचे चले आए.
कुछ देर बाद जब पुलिसवाले लिफ्ट से मनीष को नीचे घसीटते हुए लाए तो उसकी नाक और मुंह से खून बह रहा था. इसके बाद पुलिसवालों ने उसे लेकर निजी अस्पताल और फिर बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले गए जहां उनकी मौत हो गई. मौत के बाद काफी हंगामा हुआ. इसके बाद 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया और 3 पर मुकदमा दर्ज किया गया है.
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