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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से पूरी दुनिया में मचा हड़कंप, अब वैज्ञानिक के इस बयान से फैली सनसनी
jantaserishta.com
27 Nov 2021 12:00 PM GMT
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कोरोना वायरस के नए वेरिएंट से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस वेरिएंट को 'ओमीक्रॉन' (Covid new variant omicron) नाम दिया है. यह तेजी से म्यूटेट होता है और यही सबसे चिंता की बात है. वैज्ञानिकों का कहना है कि तेजी से म्यूटेशन होने की वजह से यह डेल्टा, डेल्टा प्लस और बाकी वेरिएंट से खतरनाक है. कोरोना की दूसरी लहर से सीख लेते हुए भारत सरकार भी इसको लेकर सतर्क हो गई है और एडवाइजरी जारी की है. आइए हम आपको बताते हैं कोविड के इस नए वेरिएंट से जुड़ी बड़ी बातें.
यह वेरिएंट कहां से आया?
लंदन स्थित यूसीएल जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के एक वैज्ञानिक का कहना है कि कोरोना का यह वेरिएंट पहली बार कहां से आया, यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. संभवतः किसी HIV/AIDS मरीज में इम्यूनो कंप्रोमाइज्ड शख्स से क्रोनिक इन्फेक्शन हुआ हो. अफ्रीकी देशों में इसके कुछ मामले मिले हैं.
क्या यह वेरिएंट ज्यादा खतरनाक है?
यह वेरिएंट बेहद तेजी से 30 बार म्यूटेट होता है, जो ज्यादा टेंशन की वजह है. अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में यह खतरनाक तरीके से मरीजों को अपनी जद में लेता है.
भारत सरकार क्या कर रही है?
कोरोना के नए स्ट्रेन को देखते हुए भारत सरकार ने सभी राज्यों को एडवाइजरी जारी की है. राज्यों से कहा गया है कि वे विदेश से आ रहे सभी यात्रियों का कोविड टेस्ट जीनेम सिक्वेसिंग के लिए करवाएं. रिस्क लिस्ट वाले देशों की केंद्र सरकार ने लिस्ट बनाई है और वहां से आ रहे यात्रियों पर पैनी नजर रखी जा रही है. ये देश हैं- ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे, हॉन्गकॉन्ग और इजरायल. जो लोग इन देशों से भारत आएंगे, उन्हें 14 दिनों तक क्वारंटीन रहना होगा और रवाना होने से 48 घंटे पहले कोविड टेस्ट रिपोर्ट देनी होगी.
भारत में भी कोई क्या केस?
अधिकारियों का कहना है कि अब तक भारत में 'ओमीक्रॉन' का कोई नया मामला सामने नहीं आया है.
क्या कहते हैं भारतीय विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का कहना है कि डेल्टा वेरिएंट से यह कितना खतरनाक है, यह जानने के लिए इस पर रिसर्च की जरूरत है. अब तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं कि यह कोविड वैक्सीन को बेअसर कर सकता है या नहीं. टीके के अभाव में अफ्रीकी देशों में वैक्सीनेशन की दर कम है और यह स्ट्रेन वहीं से आने की बात कही जा रही है.
नए वेरिएंट के कितने केस मिले?
साउथ अफ्रीका, बोत्सवाना और हॉन्गकॉग, इजरायल और बेल्जियम में कुछ केस मिले हैं.
क्या टीके इसके खिलाफ असरदार है?
यह पूरी तरह साफ नहीं है. फाइजर-बायोएनटेक ने कहा है कि इस सवाल का जवाब वह अगले दो हफ्ते में दे सकेगी.
क्या फिर से उड़ानों और यात्राओं पर असर होगा?
हां, यूनाइटेड किंगडम ने 6 अफ्रीकी देशों की फ्लाइट्स पर अस्थायी बैन लगा दिया है. पिछले 14 दिनों से साउथ अफ्रीका और अन्य अफ्रीकी देशों से आ रहे लोगों की एंट्री सिंगापुर ने सख्त कर दी है. ऑस्ट्रेलिया ने भी दक्षिण अफ्रीका से आ रहे लोगों की एंट्री पर नियम कड़े किए हैं. यूरोपीय यूनियन के 27 देशों ने अफ्रीका देशों से आ रही फ्लाइट्स पर रोक लगा दी है. अमेरिका और कनाडा ने भी अफ्रीका से आ रहे लोगों को लेकर नियम सख्त कर दिए हैं.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
क्रिस्चियन मेडिकल कॉलेज,वेल्लोर की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ.गगनदीप कांग ने बताया कि ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 'ओमीक्रॉन' ज्यादा डरावना है. अगले दो हफ्ते बाद ही पता चलेगा कि इस स्ट्रेन के खिलाफ वैक्सीन कितना असरदार है. अफ्रीकी देशों के अलावा यह स्ट्रेन अब धीरे-धीरे दूसरे मुल्कों में फैल रहा है. जब गननदीप से यह पूछा गया कि क्या भारत सरकार को इंटरनेशनल ट्रैवल बैन कर देना चाहिए, उन्होंने कहा कि अभी इसकी जरूरत नहीं है और यह समाधान भी नहीं है. विदेश से आ रहे लोगों की ट्रैकिंग जरूरी है और उन्हें क्वारंटीन किया जाए. अब वक्त आ गया है कि इस वेरिएंट से लड़ने के लिए कड़े कदम उठाया जाए और बूस्टर डोज दिया जाए.
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