बहन से विवाद के बाद दसवीं पास जनजातीय छात्रा ने बबिता कुमारी ने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। 16 वर्षीया बबिता कुमारी छतरपुर स्थिति कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में 11वीं छात्रा थी। कोरोना संकट के कारण पिछले साल लॉकडाउन के बाद से वह स्कूल नहीं लौटी थी। बबिता की मौत से पूरा परिवार सदमे में है। पलामू जिले के छतरपुर थाने की पुलिस ने बबिता कुमारी के शव को कब्जे में लेकर गुरुवार को मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। छतरपुर के थाना प्रभारी ऋषिकेश राय ने बताया कि छात्रा ने बुधवार की शाम में अपने घर की छत में दुपट्टे का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। डाली गांव के नउआटोली निवासी मृतका के पिता जयकिशुन सिंह उर्फ भागेड़न सिंह ने पुलिस को बताया है कि बुधवार को घर में केवल दोनों बहनें थीं। दोनों बहनों के बीच घर के काम को लेकर कहासुनी हो गयी थी। बाद में उनकी मां दोनों बेटियों को समझा-बुझाकर मवेशियों को चराने घर के निकट महुआ पेड़ के पास चली गयी थी।
खुद भागेड़न सिंह भी महुआ चुनने गये थे। शाम में घर लौटने पर एक कमरे का दरवाजा अंदर से बंद पाया। काफी आवाज लगाने के बाद भी जब दरवाजा नहीं खोला गया, तब दरवाजा तोड़ कर अंदर गये, जहां बबिता कुमारी का शव छत से लटका हुआ था। इसके बाद गांव के लोगों के माध्यम से पुलिस को जानकारी दी।
डाली पंचायत की निवर्तमान पंचायत समिति सदस्य सैरून बीवी ने बताया कि बबिता ने 2020 में मैट्रिक की परीक्षा की परीक्षा कस्तूरबा विद्यालय में पढ़ते हुए पास की थी। अपने पापा भागेडन सिंह की पांच बेटियों में बबिता सबसे छोटी थी। तीन बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है। बबिता और उससे बड़ी बहन घर में थी। घरेलु काम को लेकर ही दोनों के बीच कहासुनी हुई थी।