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सेना के अधिकारी का अता-पता नहीं, अपहरण की खबर, मचा हड़कंप

jantaserishta.com
8 March 2024 12:52 PM GMT
सेना के अधिकारी का अता-पता नहीं, अपहरण की खबर, मचा हड़कंप
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सांकेतिक तस्वीर

घर से ही उन्हें अगवा कर लिया।
नई दिल्ली: मणिपुर में सेना के अधिकारी का उसके घर से अपहरण कर लिया गया है। पिछले साल मई में इस सीमावर्ती राज्य में जातीय हिंसा शुरू हुई थी जिसके बाद से यह ऐसी चौथी घटना है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस जवान की पहचान जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) कोनसम खेड़ा सिंह के तौर पर हुई है जो थौबल जिले के रहने वाले हैं। बताया जा रहा है कि आज सुबह 9 बजे एक वाहन में सवार होकर कुछ अज्ञात लोग आए और उनके घर से ही उन्हें अगवा कर लिया। इसकी सूचना सुरक्षा एजेंसियों को दे दी गई है और जेसीओ को लेकर तलाशी अभियान शुरू हो गया है। एक अधिकारी ने बताया, 'हम नेशनल हाईवे 102 से आने-जाने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। हमें नहीं पता कि उनका अपहरण क्यों किया गया है। इसके पीछे का क्या मकसद है।'
रिपोर्ट के मुताबिक, अगवा किए गए जवान का पता लगाने के लिए सुरक्षा बलों की टीमें इलाके में तैनात हैं। हालांकि, जेसीओ को कहां लेकर जाया गया है, इसकी अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। मई 2023 के बाद से यह ऐसी चौथी घटना है जब छुट्टी पर गए जवान को अगवा किया गया है। पिछले साल सितंबर की यह घटना है, जब असम रेजिमेंट के एक पूर्व सैनिक सर्टो थांगथांग कोम का अपहरण हुआ था। अज्ञात सशस्त्र समूह ने अगवा करने के बाद उनकी हत्या कर दी थी। वह डिफेंस सर्विस कोर (DSC) में मणिपुर के लीमाखोंग में तैनात थे। इस वारदात के समय वह इंफाल पश्चिम में अपने घर पर छुट्टी पर गए थे।
इस घटना के 2 महीने बाद अज्ञात सशस्त्र समूह ने 4 लोगों का अपहरण कर लिया था। ये लोग पहाड़ी जिले चुराचांदपुर से लीमाखोंग तक एसयूवी में यात्रा कर रहे थे। चारों जम्मू-कश्मीर में सेवारत भारतीय सेना के जवान के परिवार के सदस्य थे, जिनकी हत्या कर दी गई। इसी तरह, 27 फरवरी को इंफाल शहर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का अपहरण कर लिया गया था। इस केस में हमलावरों की पहचान अरामबाई तेंगगोल (AT) के तौर पर हुई थी। इस घटना के बाद मणिपुर पुलिस कमांडो ने इंफाल और दूसरे इलाकों में प्रतीकात्मक तौर पर 'हथियार नीचे' विरोध प्रदर्शन किया था। पुलिस की ओर से ऐसे संकेत हैं कि ऐसी घटनाओं से सशस्त्र बल (विशेष) शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को फिर से लागू करना पड़ सकता है।
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