नई दिल्ली. देश में जल्द ही कॉल करने का तरीका बदलने वाला है. इसके लिए केंद्र सरकार ने नए नियम (New Rules to Call) बना दिए हैं, जो 15 जनवरी 2021 से लागू हो जाएंगे. नए नियमों के मुताबिक, अब आपको फिक्स्ड लाइन से मोबाइल नंबर (Landline to Mobile) पर कॉल करने के लिए पहले '0' (Zero) डायल करना होगा. नई व्यवस्था को लागू करने के लिए टेलिकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने कंपनियों को 1 जनवरी 2021 तक जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दे दिया है. विभाग ने टेलिकॉम सेक्टर के रेग्युलेटर ट्राई (TRAI) की ऐसी कॉल्स के लिए प्रिफिक्स जीरो रखने के सुझाव को मान लिया है. इस कदम से टेलिकॉम सेवाओं के लिए पर्याप्त नंबर उपलब्ध हो सकेंगे. केंद्र सरकार (Central Government) ने फिक्स्ड लाइन और मोबाइल सेवाओं के लिए पर्याप्त संसाधन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है.
दूरसंचार विभाग ने बताया है कि 15 जनवरी 2021 से लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर कॉल लगाने के लिए प्रिफिक्स (Prefix) लगाना अनिवार्य होगा. वहीं, लैंडलाइन से फिक्स्ड लाइन, मोबाइल से फिक्स्ड लाइन और मोबाइल से मोबाइल नंबर पर डायल करने के लिए मौजूदा नियम ही लागू रहेंगे. दूरसंचार विभाग ने सभी टेलीफोन सर्विस प्रोवाइडर्स को कहा है कि जब भी कोई उपभोक्ता लैंडलाइन से मोबाइल नंबर पर बिना '0' लगाए डायल करेगा तो इस बदलाव से संबंधित सूचना उन्हें बताई जाए. उम्मीद की जा रही है कि नई व्यवस्था से 2539 मिलियन नंबर सीरीज बनाए जाएंगे. इससे भविष्य में फोन नंबर की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी.
टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने फिक्स्ड लाइन नंबरों से मोबाइल नंबर के डायलिंग पैटर्न में बदलाव को लेकर जारी एक सर्कुलर में कहा कि फिक्स्ड लाइन और मोबाइल सेवाओं के लिए पर्याप्त नंबर सुनिश्चित करने के लिए 29 मई 2020 को ट्राई की ओर से दिए गए सुझावों को मान लिया है. साथ ही कहा गया है कि इन निर्देशों को लागू किया जाना चाहिए. फिक्स्ड टू मोबाइल कॉल के लिए पहले '0' डायल करें. विभाग की ओर से कहा गया है कि सभी फिक्स्ड लाइन सब्सक्राइबर्स को '0' डायलिंग की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जो एसटीडी (STD) डायलिंग सुविधा है.
ट्राई ने मई 2020 में फिक्स्ड लाइन नंबर से मोबाइल नंबर डायल करने के पहले '0' डायल करने का सुझाव दिया था. हालांकि, दूरसंचार नियामक ने कहा था कि एक कॉल के लिए पहले नंबर जोड़ने का फैसला टेलिफोन नंबर की संख्या को बढ़ाने के लिए नहीं है. ट्राई ने उस समय यह भी कहा था कि डायलिंग पैटर्न में बदलाव से मोबाइल सेवाओं के लिए 2,544 मिलियन अतिरिक्त नंबर पैदा होंगे, जो भविष्य की जरूरतों को पूरा करेंगे.