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नौकरी छोडऩे पर वित्तीय लाभों का इंतजार खत्म

8 Jan 2024 4:22 AM GMT
नौकरी छोडऩे पर वित्तीय लाभों का इंतजार खत्म
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शिमला। प्रदेश के प्राइवेट कालेजों में अब बीच में नौकरी छोडऩे या सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले वित्तीय लाभ के लिए शिक्षकों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल हाल ही में राज्य शिक्षण नियामक आयोग ने अब सभी यूनिवर्सिटी और कालेजों में कॉप्र्स फंड बनाने के निर्देश जारी किए हैं। इस बारे में हाल ही …

शिमला। प्रदेश के प्राइवेट कालेजों में अब बीच में नौकरी छोडऩे या सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले वित्तीय लाभ के लिए शिक्षकों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दरअसल हाल ही में राज्य शिक्षण नियामक आयोग ने अब सभी यूनिवर्सिटी और कालेजों में कॉप्र्स फंड बनाने के निर्देश जारी किए हैं। इस बारे में हाल ही में आयोग की बैठक हुई है जिसमें यह निर्णय लिया गया है। आयोग की इस पहल के दो फायदे होंगे। पहला कामकाज में पारदर्शिता रहेगी। यानी कर्मचारी कब नियुक्त हुआ, कितना वेतन है, कितना उसका ईपीएफ सहित अन्य चीजें वेतन से कटती है यह ऑन रिकार्ड रहेगा। दूसरा नौकरी छोडऩे व सेवानिवृत्ति के बाद नियमों के तहत ग्रेच्युटी व अन्य वित्तीय लाभ में देरी नहीं होगी। कर्मचारी इसको लेकर या तो आयोग में शिकायत करते हैं या फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हैं।

यह शिकायतें भी दूर होगी। आयोग का मानना है कि अच्छी फैकल्टी तब मिलेगी जब अच्छी सुविधा होगी। प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के सदस्य प्रो. शशिकांत शर्मा ने कहा कि निजी विवि व अन्य संस्थानों को कॉपर्स फंड बनाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय व अन्य निजी संस्थान से जब कोई शिक्षक सेवानिवृत्त होता है या फिर नौकरी छोड़ता है तो उन्हें जो वित्तीय लाभ, ग्रेच्युटी आदि नियमों के तहत मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पाती। संस्थान तर्क देते हैं कि उनकी वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। आयोग के पास इसको लेकर कई तरह की शिकायतें आती है। सालों तक केस चलते हैं लेकिन ऐसे में अब कोई दिक्कत नहीं होगी।

विवि के साथ निजी शिक्षण संस्थानों बीएड कालेज, नर्सिंग, डेंटल सहित अन्य संस्थान जो आयोग के अधीन आते हैं उन्हें भी यह नियम लागू करना होगा। संस्थान को सालाना कुल कमाई का दस फीसदी इसमें जमा करना होगा। इसके लिए बैंक में कापर्स फंड के नाम से अलग बैंक अकाउंट खुलवाना होगा। इस फंड में जमा राशि केवल ग्रेच्युटी और वित्तीय लाभ पर ही खर्च होगी। अन्य किसी भी मद में इस राशि को संस्थान खर्च नहीं कर पाएंगे। नियामक आयोग पिछले छह महीने से इस योजना पर काम कर रहा था। चूंकि अब नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है तो इसे इसी सत्र से लागू करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आयोग ने विवि से इसकी कंप्लायस रिपोर्ट भी मांगी है कि क्या उन्होंने कॉपर्स फंड बना लिया है या नहीं। वहीं बीएड, नर्सिंग, डेंटल, सहित अन्य संस्थान जो आयोग के अधीन आते हैं उन्हें भी इसके निर्देश दिए हैं।

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