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ट्रेन पटरी के बीच खड़ी की गई लोहे की पटरी से टकराई, ऐसे बड़ा हादसा टला

jantaserishta.com
25 Sep 2024 10:46 AM GMT
ट्रेन पटरी के बीच खड़ी की गई लोहे की पटरी से टकराई, ऐसे बड़ा हादसा टला
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सांकेतिक तस्वीर

मचा हड़कंप.
अहमदाबाद: गुजरात के बोटाड में बुधवार को एक पैसेंजर ट्रेन पटरी के बीच में खड़ी की गई लोहे की पुरानी पटरी से टकरा गई। आशंका है कि इस किसी ने तोड़फोड़ की नीयत से लगाया था। गनीमत कि सुबह के वक्त हुए इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ। पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद ट्रेन को कई घंटों तक वहीं रुकना पड़ा।
बोटाद के पुलिस अधीक्षक किशोर बलोलिया ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा- बोटाद जिले के रानपुर पुलिस थाना क्षेत्र से गुजर रही ओखा-भावनगर पैसेंजर ट्रेन (19210) तड़के करीब तीन बजे सीमेंट के स्लीपरों के बगल में पटरी पर रखे चार फुट लंबे पुराने रेल के टुकड़े से टकरा गई।
पुलिस अधीक्षक ने कहा- ट्रेन पटरी के बीच में खड़ी की गई लोहे की पटरी से टकरा गई। इसके बाद इसको कई घंटों तक वहीं रोक दिया गया। स्थानीय पुलिस कर्मियों को घटना की सूचना सुबह करीब साढ़े सात बजे मिली। इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और छानबीन शुरू की गई। यह घटना कुंडली रेलवे स्टेशन से करीब दो किलोमीटर दूर हुई।
घटना की जांच कर रही पुलिस के अनुसार, यह तोड़फोड़ या नुकसान पहुंचाने की कोशिश का मामला लगता है, लेकिन जांच जारी है। यह घटना ऐसे वक्त में सामने आई है जब बीते सोमवार को ही सूरत जिले में तीन रेलवे कर्मचारियों को कथित तौर पर ट्रैक से छेड़छाड़ करने की कोशिश के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
बताया जाता है कि सूरत में रेलवे के रखरखाव विभाग में ट्रैकमैन के पद पर तैनात सुभाष पोद्दार (39), मनीष मिस्त्री (28) और शुभम जायसवाल (26) रेल पटरी से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन्होंने कोसांबा और किम स्टेशन के बीच निरीक्षण के दौरान रेलवे प्रशासन को सतर्क किया था कि 'शरारती तत्व' पटरी से क्लिप और दो फिशप्लेट हटाकर उन्हें दूसरी तरफ की पटरी पर रख रहे हैं।
जांच में इन कर्मचारियों की ही भूमिका घटना को अंजाम देने में सामने आई थी। पुलिस अधिकारियों की मानें तो तीनों ने इस घटना को इसलिए अंजाम दिया था ताकि उनको समय रहते रेलवे प्रशासन को सतर्क के लिए सम्मानित किया जाएगा। पुलिस की मानें तो तीनों नाइट ड्यूटी को जारी रखना चाहते थे क्योंकि इसके लिए अगले दिन उनको छुट्टी मिलती थी।
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