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लौटाया मूर्ति, मंदिर में चोर ने छोड़ा माफी पत्र, बड़ी गलती हो गई महाराज जी

Nilmani Pal
3 Oct 2024 2:23 AM GMT
लौटाया मूर्ति, मंदिर में चोर ने छोड़ा माफी पत्र, बड़ी गलती हो गई महाराज जी
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यूपी। प्रयागराज (Prayagraj) में चोरी की हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. यहां एक चोर ने मंदिर में स्थापित 100 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोरी कर ली थी. इसके बाद चोर के साथ कुछ ऐसा हुआ कि वह कुछ दिन बाद ही मूर्ति को हाइवे के किनारे छोड़ गया. इसी के साथ उसने एक माफीनामा भी लिखकर छोड़ा, जिसमें हैरान कर देने वाली बातें लिखी हैं. फिलहाल पुलिस माफीनाम लिखने वाले चोर की तलाश कर रही है.

जानकारी के अनुसार, यह घटना प्रयागराज गंगापार इलाके के नवाबगंज राम जानकी मंदिर की है. यहां मंदिर से 23 सितंबर को 100 साल पुरानी अष्टधातु की मूर्ति चोर हो गई थी. इस घटना की सूचना थाने में दी गई थी. मूर्ति चोरी होने के बाद मंदिर के पुजारी को ऐसा सदमा लगा कि उन्होंने खाना-पीना तक छोड़ दिया था. इस मामले के ठीक 10 दिन बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के सर्विस रोड से गऊघाट लिंक मार्ग पर लोगों ने एक मूर्ति देखी.

लोगों ने इसके बारे में स्वामी जय रामदास महाराज को बताया. इसके बाद उस मूर्ति को गऊघाट खालसा आश्रम ले जाया गया. जब बोरी खोलकर देखा तो मूर्ति के साथ एक लेटर भी था. लेटर पढ़ा गया तो सारी कहानी सामने आ गई. यह लेटर किसी और ने नहीं, बल्कि अष्टधातु की मूर्ति चोरी करने वाले चोर ने लिखा था. चोर को चोरी का पछतावा था. उसने माफीनामा मंदिर के पुजारी के नाम लिखा था.

माफ़ीपत्र

'महाराज जी प्रणाम, मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई थी. अज्ञानतावश मैंने राधा कृष्ण की मूर्ति को गऊघाट से चुरा लिया था. तब से बुरे-बुरे सपने आ रहे हैं और मेरे बेटे की तबीयत भी खराब हो गई है. कुछ पैसे के लिए मैंने बहुत गंदा काम किया है. मैंने मूर्ति को बेचने के लिए उसमें काफी छेड़छाड़ की है. मैं अपनी गलती की माफी मांगते हुए मूर्ति को रखकर जा रहा हूं. आपसे विनती है कि मुझे माफ करते हुए भगवान को फिर से मंदिर में स्थापित करवा दिया जाए. पहचान छिपाने के लिए उसका आकार बदल गया है. महाराज जी हमारे बाल-बच्चों को क्षमा करते हुए अपनी मूर्ति स्वीकार करें.'

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