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मंदिर में चोरी के इरादे से घुसा चोर, ग्रामीणों ने पकड़ की खूब धुनाई
jantaserishta.com
15 Feb 2022 5:34 AM GMT
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यहां श्री राम जानकी मंदिर में चोरी की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया फिर उसकी पिटाई करने के बाद उसके सिर के बाल काट दिए.
झालावाड़: राजस्थान के झालावाड़ जिले से एक मंदिर में चोरी के इरादे से आए एक चोर को ग्रामीणों ने पकड़ लिया और उसकी जमकर धुनाई की. मामला कामखेड़ा थाना क्षेत्र के बंबुलिया गांव का है. यहां श्री राम जानकी मंदिर में चोरी की कोशिश कर रहे एक व्यक्ति को ग्रामीणों ने रंगे हाथों पकड़ लिया फिर उसकी पिटाई करने के बाद उसके सिर के बाल काट दिए.
इस पूरी घटना का वीडियो वहां मौजूद कुछ लोगों ने बना लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. यह घटना 14 फरवरी की है. सूचना मिलने पर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और चोर को गिरफ्तार कर लिया. उधर श्री राम जानकी मंदिर के पुजारी परमानंद वैष्णव ने बताया कि रविवार देर रात करीब 3 बजे एक व्यक्ति मंदिर के मुख्य गेट का ताला तोड़कर अंदर घुस गया और श्री राम जानकी प्रतिमाओं के ऊपर लगे चांदी के छत्र, आभूषण और चांदी के थाल सहित अन्य कीमती पूजा सामग्रियों को चुरा कर ले जा रहा था. उसी दौरान जाग होने पर ग्रामीणों ने उसे पकड़ लिया और सूचना पर पहुंची पुलिस के हवाले कर दिया.
भिंड में मंदिर से शनि की मूर्ति चोरी
वहीं, मध्य प्रदेश के भिंड में एक मूर्ति चोरी की घटना सामने आई थी. 21 जनवरी को लहार के भाटन ताल के पास स्थित नवग्रह मंदिर से कुछ अज्ञात चोर शनिदेव की मूर्ति को चोरी करके ले गए. चोरी की जानकारी जैसे ही इलाके के लोगों को लगी तो लोगों में इस वारदात को लेकर गुस्सा पनपने लगा. पुलिस ने मंदिर के पुजारी की शिकायत पर चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और अज्ञात चोरों की तलाश शुरू कर दी.
यमराज की निकली मूर्ति
बीते रोज लहार एसडीओपी अवनीश बंसल एक मूर्ति को लेकर नवग्रह मंदिर पर पहुंचे. अवनीश बंसल ने बताया कि रौन थाना इलाके के मणि जेतपुरा गांव के पास खेत से यह मूर्ति मिली है. उन्होंने बताया कि यह वही मूर्ति है जो चोरी गई थी. लेकिन जब मंदिर के पुजारी ने मूर्ति देखी तो उन्होंने साफ इंकार कर दिया कि यह शनिदेव की मूर्ति नहीं है. पुजारी का कहना था कि पुलिस जो मूर्ति लाई है वह शनिदेव की नहीं है. असली मूर्ति जब बरामद होगी, उसे ही मंदिर में स्थापित किया जाएगा. वहीं, जिन श्रद्धालुओं ने यहां पूजा की है उनका साफ तौर पर कहना है कि यह मूर्ति शनिदेव की नहीं बल्कि यमराज की है.
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