शिक्षक ने कोर्ट में किया सरेंडर, गिरफ्तारी से बचने रची थी अपनी मौत की झूठी कहानी
इसके बाद उन तस्वीरों को विशेष पाक्सो अदालत में पिता के माध्यम से पेश भी कराया. इसके बाद बाप-बेटा अंडरग्राउंड हो गए. इसके बाद पुलिस ने भी उसकी मौत को सच मानकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया और न्यायालय में फाइल बंद हो गई. शिक्षक नीरज मोदी पर 14 अक्टूबर 2018 को छात्रा ने दुष्कर्म का केस दर्ज कराया था. केस अदालत तक पहुंचा. इसी बीच बेटे को सजा से बचाने के लिए राजाराम मोदी उर्फ राजो मोदी ने उसकी मौत की झूठी कहानी बनाई. उसने बेटे को कफन ओढ़ाया. चिता पर आंखें बंदकर लिटाया और तस्वीरें लीं.
शातिर ने कहलगांव श्मशान घाट से लकड़ी की खरीद वाली रसीद भी बनवा ली. उसी के सहारे बेटे का डेथ सर्टिफिकेट बनवाया और न्यायालय में शपथ पत्र के साथ दाखिल कर दिया. इसी के साथ अदालत में केस बंद हो गया. शातिर की इस करतूत का पर्दाफाश दुष्कर्म पीड़िता की मां ने किया. षडयंत्र का पता चलने पर उसने प्रखंड विकास पदाधिकारी, पीरपैंती को एक अर्जी दी. इसमें फर्जी डेथ सर्टिफिकेट जारी होने की जानकारी दी और मामले में जांच की गुहार लगाई.
इस पर बीडीओ ने मामले में जांच शुरू कराई और सच सामने आ गया. 21 मई 2022 को बीडीओ के निर्देश पर आरोपी नीरज मोदी के पिता राजाराम मोदी पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया. धोखाधड़ी के मामले में राजाराम जेल में है और नीरज का डेथ सर्टिफिकेट भी रद कर दिया गया है.