
यूपी। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों का लगातार भांडा फूट रहा है। शिक्षा विभाग की सख्ती के बाद एक-एक करके फर्जी दस्तावेजों से शिक्षक बनने वालों के खिलाफ मुकदमा लिखाया जा रहा है। सीतापुर में पूर्व में बिसवां में एक और महोली में दो पर मुकदमा लिखाया जा चुका है। नया मुकदमा दोबारा से बिसवां थाने में लिखाया गया है। मामले में आरोपी ने बीएड की फर्जी मार्कशीट लगाकर नौकरी पाई है। सत्यापन के दौरान इसका खुलासा हुआ।
बिसवां थाने में तहरीर देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी बिसवां शिवमंगल वर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत संचालित परिषदीय विद्यालयों में 12460 शिक्षक भर्ती के अन्तर्गत ओमवीर सिंह पुत्र रघुवीर सिंह निवासी ग्राम बालकन नगरीय थाना इगलास जनपद अलीगढ़ का सहायक अध्यापक के पद पर चयन हुआ था। इन्होंने एक जुलाई 2024 को उच्च प्राथमिक विद्यालय बिचपरी विकास खंड बिसवां सीतापुर में कार्यभार ग्रहण किया गया था। नियुक्ति में काउन्सिलिंग के समय दिए गए शैक्षिक अभिलेख यूपीटीईटी वर्ष 2013 , बीएड वर्ष 2012 के दिये गए थे। प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए दस्तावेज परीक्षा नियामक प्राधिकारी प्रयागराज उप्र को भेजे गए, जिसमें वह फर्जी पाए गए। ओमवीर को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान किये जाने के बावजूद ओमवीर का कोई जवाब नहीं आया। पुलिस ने बताया कि मुकदमा लिखने का साथ ही जांच शुरु कर दी गई है।
विभागीय जांच में फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाने वालों की सेवाओं को शिक्षा विभाग द्वारा समाप्त किया जा चुका है। जिले में अभी तक चार फर्जी शिक्षक पकड़े जा चुके हैं। विभाग पूर्व में इन सभी पर मुकदमा दर्ज करा चुका है। सूत्र बताते हैं कि विभाग की जांच में जिले में कई ऐसे नाम सामने आए हैं जिन्होंने फर्जी दस्तावेजों के सहारे नौकरी पाई थी। अब एक एक करके इनके ऊपर मुकदमा लिखाया जा रहा है।