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अबू सलेम की रिहाई को लेकर CBI की दलील सुप्रीम कोर्ट ने किया नामंजूर, सरकार को दिया ये आदेश
jantaserishta.com
8 March 2022 9:05 AM GMT
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नई दिल्ली: गैंगस्टर अबू सलेम ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी हिरासत को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. कोर्ट में अबू सलेम के वकील ने कहा है कि सलेम को अवैध तरीके से भारत में रखा गया है. उन्हें पुर्तगाल को प्रत्यर्पित कर देना चाहिए.
याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गृह सचिव को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 3 हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने CBI के हलफनामा दाखिल करने पर नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा कि ये हलफनामा किसने दायर किया है? सरकार कह रही है कि हम अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को नहीं मानेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि क्या सरकार यह कहना चाहती है कि भारतीय अदालत 2002 में दिए गए आश्वासन को पूरा करने के लिए बाध्य नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सीबीआई एक अभियोजन एजेंसी है. उससे हलफनामा दाखिल करवाके आप स्टैंड लेने से बचने की कोशिश कर रहे हैं. कोर्ट ने सवाल किया कि क्या सरकार उप-प्रधानमंत्री द्वारा किए गए अंतर्राष्ट्रीय वादे के काम करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसका असर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होगा. इसका दूरगामी प्रभाव होगा. क्योंकि आपको आगे भी किसी को प्रत्यपर्ण करके लाना होगा.
बता दें कि CBI ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा भारतीय अदालत 2002 में दिए गए आश्वासन से बाध्य नहीं है. अबू सलेम ने याचिका में कहा कि पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के समय भारत ने वहां की सरकार को आश्वासन दिया था कि किसी मामले में 25 साल से अधिक सजा नहीं दी जाएगी, लेकिन मुंबई की टाडा कोर्ट ने उम्रकैद की सज़ा दी है
अबू सलेम पर क्या हैं आरोप?
अब जानकारी के लिए बता दें कि गैंगस्टर अबू सलेम उम्रकैद की सजा काट रहा है. उस पर 1993 में तो गंभीर आरोप लगे ही थे, इसके अलावा 1995 में एक बिजनेसमैन की हत्या का मामला दर्ज हुआ था. कहा गया था कि बिल्डर प्रदीप जैन ने अबू सलेम के कुछ पैसे नहीं लौटाए थे, जिसके बाद उसके आदमियों ने बिल्डर को गोलियों से भून दिया था. उस मामले में अबू उम्रकैद की सजा काट रहा है.
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