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परिवहन विभाग की सख्ती, नियम के तहत पेट्रोल चलित वाहनों का रजिस्‍ट्रेशन होगा रद्द

Nilmani Pal
20 Jan 2022 4:11 AM GMT
परिवहन विभाग की सख्ती, नियम के तहत पेट्रोल चलित वाहनों का रजिस्‍ट्रेशन होगा रद्द
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दिल्ली। दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) पर शिकंजा कसने के लिए अब परिवहन विभाग (Transport Department) और सख्ती करने जा रहा है. 10 साल पुराने डीजल वाहनों के बाद 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों (Petrol Vehicle) पर सख्ती की तैयारी है. मियाद पूरी कर चुके वाहनों को डी रजिस्टर किया जाएगा. इसके बाद भी अगर रेट्रो फिटमेंट के विकल्प को वाहन मालिक नहीं अपनाते है तो वाहनों कई चरणों में स्क्रैप (Scrap) किया जाएगा. दिल्ली में 15 साल पुराने करीब 30 लाख पेट्रोल वाहन हैं. वाहनों का पंजीकरण (Registration) रद्द होने के बाद सड़क पर इन वाहनों को चलाने पर जब्त कर स्क्रैप किया जाएगा.

एनजीटी के पहले के आदेश के अनुसार दिल्ली में 10 साल से अधिक डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को चलने की इजाजत नहीं है. नियमों की अनदेखी करने वाले वाहन मालिकों पर परिवहन विभाग ने पिछले साल सख्त बढ़ाना शुरू कर दिया. पहले चरण की कार्रवाई में 1 लाख से ज्यादा डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द कर दिया गया. इन वाहनों को कबाड़ बनने से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने रेट्रो फिटमेंट और देश के दूसरे शहरों में वाहनों के पंजीकरण के लिए एनओसी हासिल करने का विकल्प दिया. इन शहरों में प्रतिबंध नहीं हैं, वहां पुराने वाहनों को दोबारा पंजीकृत किया जा सकेगा. अमर उजाला की एक रिपोर्ट के अनुसार परिवहन आयुक्त और प्रमुख सचिव आशीष कुंद्र ने कहा कि पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर कार्रवाई की जा रही है. पहले चरण में डीजल वाहनों के बाद 15 साल की मियाद पूरी कर चुके पेट्रोल वाहनों की बारी है. दिल्ली में ऐसे करीब 30 लाख वाहन हैं. इनके पंजीकरण रद्द किए जाएंगे. कोरोना की तीसरी लहर की पाबंदियों की वजह से फिलहाल कार्रवाई की रफ्तार थोड़ी कम है.

परिवहन विभाग ने मियाद पूरी कर चुके वाहनों को दोबारा नए सिरे से इस्तेमाल के लायक बनाने के लिए रेट्रो फिटमेंट के विकल्प दिया है. विभागीय अधिकारियों ने इसके लिए एजेंसियां भी नियुक्त की जा चुकी है. लोगों की सुविधा के लिए वेबसाइट पर भी ब्योरा है. वाहनों की रेट्रो फिटमेंट के बाद इन वाहनों को सड़कों पर दोबारा उतारा जाएगा. इलेक्ट्रिक वाहनों में तब्दील किए जाने के बाद प्रदूषण नहीं होगा. इसलिए वाहनों को आगे भी इस्तेमाल किया जा सकेगा. वाहनों की स्थिति की सालाना जांच की जाएगी. इसके लिए सरकार की ओर से अधिकृत किट ही वाहनों में लगाए जा सकेंगे.


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