मसूरी। भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी (Indo Tibetan Border Police Force Academy) से पास आउट होकर 53 युवा अधिकारी आईटीबीपी का अभिन्न अंग बन गए हैं. यही नहीं, आईटीबीपी (ITBP) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि यूपीएससी से पास आउट होकर दो महिला अधिकारी भी हिस्सा बनी हैं. इनमें से एक दीक्षा (Diksha) हैं. असिस्टेंट कमांडेंट बनने वाली दीक्षा इस वक्त न सिर्फ खासी सुर्खियों में हैं बल्कि उनकी स्टोरी ने हर किसी को भावुक कर दिया है.
दरअसल, असिस्टेंट कमांडेंट बनने वाली दीक्षा की नियुक्ति उसी विभाग में हुई है, जिसमें उनके पिता कमलेश कुमार इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं. उनके पिता आईटीबीपी में 32 साल से काम कर रहे हैं. वहीं, मसूरी में हुई पासिंग आउट परेड के दौरान जब आईटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट के पद नियुक्त बेटी को पिता ने सैल्यूट किया, तो दोनों के खुशी से आंसू छलक पड़े. जबकि सोशल मीडिया पर ये भावुक कर देने वाला फोटो तेजी से वायरल हो रहा है. बता दें कि आईटीबीपी में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात कमलेश कुमार का बचपन से ही सपना था कि उनकी बेटी दीक्षा आईटीबीपी ज्वाइन करे. जब रविवार को मसूरी में उनके सपने को बेटी ने पूरा किया तो यह बेहद भावुक क्षण था. वहीं, दीक्षा ने कहा कि उसके पिता है उसके लिए रोल मॉडल हैं. उन्होंने हमेशा आईटीबीपी ज्वाइन करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ हर तरह की सहायता उपलब्ध कराई. इसके अलावा दीक्षा ने एएनआई को बताया कि आईटीबीपी उन महिलाओं के लिए बहुत अच्छी फोर्स है, जिन्हें चैलेंज पसंद हैं, वे इस फोर्स को ज्वाइन करें. इसके कहा कि आज लड़कियां किसी क्षेत्र में कम नहीं हैं.
इस समारोह में राज्य के सीएम पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Pushkar Singh Dhami) मौजूद रहे. वहीं, डीजी (आईटीबीपी) एसएस देशवाल ने कहा कि हमारे सभी बॉर्डर इस वक्त सेफ हैं और आईटीबीपी हर मुश्किल घड़ी में सरकार और देश की सेवा के लिये तैयार है. युवा कंधों पर देश की जिम्मेदारी और मनोबल बढ़ाती है. वहीं, बैंड की शानदार धुनों के साथ सम्पन्न हुए आईटीबीपी के दीक्षांत समारोह में सभी नए अधिकारी भी जोश ,जज्बे और जुनून के साथ देश सेवा के लिए तैयार दिखे.