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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
श्रीराम लिखा हुआ है.
भागलपुर: बिहार के भागलपुर में 8 वर्षीय बच्चा एक पत्थर को घर लेकर आया. यह पत्थर उसे तैरता मिलता था और इस पर श्रीराम लिखा हुआ है. दरअसल, खंजरपुर निवासी विजय कुमार पासवान के आठ वर्षीय पुत्र ब्रिगेडियर पासवान गाय का चारा लाने के लिए दियारा जा रहा था. इसी दौरान उसने धोबी घाट के समीप तैरते हुए एक पत्थर को देखा.
तभी मासूम बच्चा पत्थर के करीब गया. पत्थर को जैसे उठाया तो वह पत्थर बहुत हल्का था, जिसमें श्री राम लिखा हुआ था. चमत्कारी पत्थर को लेकर ब्रिगेडियर पासवान घर पहुंचा, जहां पर पत्थर को देखने के लिए आसपास के सैकड़ों लोग ब्रिगेडियर के घर पर पहुंच गए. लोगों के बीच कई तरह की चर्चाएं है. बताया यह भी जाता है कि पत्थर बहुत पुराना है.
हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह एक स्पंज के समान बहुत अधिक छिद्रों वाला खुरदरा पत्थर होता है. इसमें हवा भरी रहती है, बिल्कुल स्पंज के समान और इसी कारण इसका घनत्व पानी से कम होता है, जिसकी वजह से यह पानी पर तैरता है. यह तो हो गई वैज्ञानिकों की बातें, लेकिन श्रीराम लिखा हुआ यह पत्थर लोगों की आस्था का केंद्र बन गया है.
इस पत्थर के दर्शन करने वालों का तांता लगा हुआ है. कोई उसे प्रणाम कर रहा है तो कोई उसे हैरत भरी निगाहों से देख रहा है तो किसी का कहना है कि यह भगवान श्रीराम का चमत्कार है. लोगों ने पत्थर पर लिखे श्रीराम को देखते हुए पत्थर की पूजा अर्चना करना भी शुरू कर दी. लोग इसे भगवान श्रीराम का आशीर्वाद मान रहे हैं.
विजय कुमार पासवान का कहना है कि बेटा पत्थर को घर लेकर आ गया, उसके बाद जब उस पत्थर को हम लोगों ने पानी में डाला तो वह तैरने लगा, बात यहीं खत्म नहीं हुई थी, आस्था तब शुरू हुई जब उस पत्थर में श्रीराम लिखा हुआ था.
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