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विदेश में भारतीय आमों का डंका, दुबई के लोग भी उठा रहे लंगड़ा और दशहरी का लुत्फ

jantaserishta.com
16 July 2021 12:35 PM GMT
विदेश में भारतीय आमों का डंका, दुबई के लोग भी उठा रहे लंगड़ा और दशहरी का लुत्फ
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भारत में मिलने वाले लंगड़ा, दशहरी, आम्रपाली और चौसा आम का स्वाद दुबई के लोगों को भी मिलने लगा है. कोविड-19 महामारी के कारण पैदा हुईं चुनौतियों के बावजूद भारत इस सीजन में आम के ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने में सक्षम रहा है. कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने दुबई में भारत के आम की किस्मों के लिए आम प्रचार कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें चौसा और लंगड़ा सहित रसदार किस्मों को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में प्रदर्शित किया गया.

हाल ही में, मध्य पूर्व के देशों में आम निर्यात क्षमता को बढ़ावा देने के लिए, आम की एक खेप बहरीन भेजी गई थी. एपीडा लगातार आम के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रहा है. एपीडा ने हाल ही में दोहा, कतर में एक आम प्रचार कार्यक्रम में यूपी-बंगाल में आम की 9 किस्मों को प्रदर्शित किया. इनमें जीआई प्रमाणित खिरसापति (मालदा, पश्चिम बंगाल), लखनभोग (मालदा, पश्चिम बंगाल), फाजली (मालदा, पश्चिम बंगाल), दशहरी (मलीहाबाद, उत्तर प्रदेश), आम्रपाली और चौसा (मालदा, पश्चिम बंगाल) और लंगड़ा (नदिया, पश्चिम बंगाल) शामिल हैं.
जून, 2021 में, बहरीन में एक सप्ताह तक चलने वाले भारतीय आम प्रचार कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें तीन जीआई प्रमाणित खिरसापति और लक्ष्मणभोग (पश्चिम बंगाल), जरदालु (बिहार) सहित आम के फल की 16 किस्मों को प्रदर्शित किया गया था. बहरीन में समूह के 13 स्टोरों के माध्यम से आम की किस्में बेची गईं. एपीडा पंजीकृत निर्यातक द्वारा आमों को बंगाल और बिहार के किसानों से मंगवाया गया था. एपीडा ने जर्मनी के बर्लिन में भी आम उत्सव का आयोजन किया था.
दक्षिण कोरिया को आम का निर्यात बढ़ाने के लिए, एपीडा ने भारतीय दूतावास, सियोल और कोरिया में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के सहयोग से पहले एक वर्चुअल खरीदार-विक्रेता बैठक का आयोजन किया था. इस सीजन में पहली बार, भारत ने आंध्र प्रदेश के कृष्णा और चित्तौड़ जिलों के किसानों से प्राप्त जीआई प्रमाणित बंगनपल्ली और अन्य किस्म के सुरवर्णरेखा आमों की 2.5 मीट्रिक टन (एमटी) की खेप दक्षिण कोरिया को भेजी है.
भारत में आम को 'फलों का राजा' भी कहा जाता है और प्राचीन शास्त्रों में इसे कल्पवृक्ष (इच्छा देने वाला पेड़) कहा गया है. हालांकि भारत के अधिकांश राज्यों में आम के बागान हैं मगर उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक का आम के कुल उत्पादन में एक बड़ा हिस्सा है. अल्फांसो, केसर, तोतापुरी और बंगनपल्ली भारत से निर्यात की जाने वाली प्रमुख किस्में हैं. आम का निर्यात मुख्य रूप से तीन रूपों में होता है... ताजा आम, मैंगो पल्प और मैंगो स्लाइस.


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