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मीटिंग के बाद G-23 नेताओं का बयान, कहा- कांग्रेस के लिए एकमात्र रास्ता है....

jantaserishta.com
16 March 2022 5:45 PM GMT
मीटिंग के बाद G-23 नेताओं का बयान, कहा- कांग्रेस के लिए एकमात्र रास्ता है....
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पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चल रहा है. आज बुधवार को कांग्रेस के असंतुष्ट खेमे जी-23 के नेताओं ने दिल्ली में पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के आवास पर बैठक की. मीटिंग के बाद समूह की ओर से बयान जारी किया गया. नेताओं ने कहा कि बीजेपी से मुकाबले के लिए कांग्रेस को मजबूत करना जरूरी है.

जी-23 की ओर से जारी बयान के मुताबिक, बीजेपी को चुनौती देने के लिए अच्छा विकल्प जरूरी है. कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों से बात करें. जी-23 के नेताओं ने कहा कि हम कांग्रेस से 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए विश्वसनीय विकल्प के लिए राह तैयार करने को लेकर समान विचारधारा वाली ताकतों के साथ बातचीत शुरू करने की मांग करते हैं. सभी स्तरों पर सामूहिक, समावेशी नेतृत्व और निर्णय लेने के मॉडल को अपनाना कांग्रेस के लिए एकमात्र रास्ता है.
इस बैठक में गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, मनीष तिवारी, अखिलेश प्रसाद सिंह, शंकर सिंह वाघेला, शशि थरूर, एम ए खान, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, आनंद शर्मा, पृथ्वीराज चव्हाण, राजबब्बर, मणिशंकर अय्यर, पीजे कुरियन, कुलदीप शर्मा, राजेंद्र कौर, परणीत कौर शामिल हुईं.
बता दें कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार हुई है. आज की बैठक के पहले भी जी 23 समूह के कई नेताओं ने पार्टी की हार पर बैठक की थी. बैठक में G-23 के नेताओं ने चुनावों में पार्टी की हुई करारी हार पर गहरी चिंता जताई. साथ ही तय किया गया कि जल्दी ही पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई जाने वाली कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में शामिल होने वाले G23 गुट के नेता संगठन और नेतृत्व में बदलाव की मांग एक बार फिर उठाएंगे.
कांग्रेस के 'जी 23' समूह में शामिल नेताओं ने अगस्त, 2020 में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में सक्रिय अध्यक्ष और संगठन में बड़े स्तर पर परिवर्तन की मांग की थी.
वहीं, गुलाम नबी आजाद गुरुवार को 10 जनपथ पर पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी से मिल सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी कल की बैठक में मौजूद रह सकते हैं. कांग्रेस नेतृत्व की कार्यशैली को लेकर जी-23 नेताओं के असंतोष के बीच गुलाम नबी आजाद की गांधी परिवार से मुलाकात काफी अहमियत रखती है.





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