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राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए किया अहम एलान, दूध बेचने पर 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान देगी सरकार

jantaserishta.com
23 Feb 2022 1:35 PM GMT
राज्य सरकार ने पशुपालकों के लिए किया अहम एलान, दूध बेचने पर 5 रुपये प्रति लीटर अनुदान देगी सरकार
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राजस्थान: सरकार कृषि के साथ-साथ पशुपालन को भी बढ़ावा देने में जुट गई है. पहली बार अलग से पेश किए गए कृषि बजट में सीएम गहलोत ने पशुपालकों के लिए कई अहम एलान किए. मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना को और लोकप्रिय बनाने की कोशिश की गई है. राज्य सरकार ने सहकारी दुग्ध उत्पादक संघों में दूध की सप्लाई करने वालों को अब 5 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान देने का एलान किया है. इससे प्रदेश के करीब 5 लाख पशुपालकों को 500 करोड़ रुपये का लाभ होगा. इस योजना के तहत अब तक किसानों को 2 रुपये प्रति लीटर अनुदान मिलता था. जिसमें अब तक किसानों को 448 करोड़ रुपये मिल चुके हैं.

बजट पेश करते हुए गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक संबल योजना उन्होंने पहली बार अप्रैल 2013 शुरू की गई थी. देश में ऐसी पहल पहली बार हुई थी. लेकिन पिछली सरकार ने इसे बंद कर दिया था. जिससे पशुपालक निराश थे. जब दोबारा हमें सत्ता मिली तो हमने इसे 1 फरवरी 2019 से फिर शुरू कर दिया. अब अनुदान की रकम में वृद्धि की जा रही है. जिससे गाय-भैंस का पालन करने वालों को दूध का अच्छा दाम मिल सकेगा.
राजस्थान में 56.8 मिलियन पशुधन है. जिसमें से 13.9 मिलियन गौ-धन, 13.7 मिलियन भैंस, 20.84 मिलियन बकरी एवं 2.13 लाख ऊंट हैं. ऐसे में समझ सकते हैं कि पशुपालन यहां के लिए कितना महत्वपूर्ण है. सरकार ने पशु अस्पतालों का अपग्रेड करने का भी एलान किया है. पशु चिकित्सा के लिए मंडावा एवं झुंझुनू में पशु चिकित्सा महाविद्यालय खोले जाने का एलान किया गया है. राजकीय पशु चिकित्सालय चाकसू, जयपुर को बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय में कन्वर्ट करने की घोषणा हुई है.
पशु आहार की गुणवत्ता जांचने के लिए बनेगी लैब
पशुपालन को लेकर सरकार की गंभीरता इसी बात से दिख रही है कि उसने बजट में पशु आहार की गुणवत्ता की जांच के लिए रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने का भी एलान किया है. सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि पशु आहार की गुणवत्ता की जांच करने के लिए हर जिले में पशु लैब बनाई जाएगी. इन्होंने इस साल पशु बीमा का 6 लाख पशुपालकों को लाभ देने का एलान किया है. जिस पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
हर गांव पंचायत में बनेगी नंदीशाला
राजस्थान में आवारा पशुओं की समस्या बहुत बड़ी है. इसके निदान के लिए सरकार ने हर गांव पंचायत नंदीशाला बनाने का फैसला लिया है. प्रत्येक नंदीशाला के लिए 1-1 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. पशुओं से खेतों को बचाने के लिए तारबंदी योजना पर 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. किसानों ने सरकार के साथ संवाद में आवारा पशुओं की समस्या बताई थी.
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