कोरोना वैक्सीन को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है. जगह-जगह सप्लाई चेन बनाने के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों की छुट्टियों पर भी कैंची चला दी गई है. उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार कल्याण विभाग से महानिदेशालय के अधिकारियों और कर्मचारियों की दिसंबर और जनवरी की छुट्टियां रद्द कर दी है. अगर मंजूरी मिल जाती है तो दिसंबर के अंत से यूपी में टीकाकरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया जाएगा. राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं.
परिवार कल्याण विभाग की ओर से बुधवार को जारी आदेश में कहा गया, 'कोरोना के रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, दिसंबर और जनवरी में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगना प्रस्तावित है, जिसमें सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग आवश्यक है. इसलिए फैसला लिया गया है, सभी छुट्टियां कर दी जाएं.' परिवार कल्याण विभाग ने अपने आदेश में कहा, 'महानिदेशालय के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी, जिनमें संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी मजदूर भी शामिल हैं, जिनके पहले में स्वीकृत सारे अवकाश को निरस्त किया जाता है. सभी कर्मचारी अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत करें, वरना अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.'
यूपी, बिहार, राजस्थान समेत विभिन्न राज्यों की सरकार कोरोना वैक्सीन और टीकाकरण को लेकर अपने स्तर पर तैयारियां कर रही हैं. जिसमें कोल्ड चेन, स्टोरेज प्वाइंट जैसे बंदोबस्त किए जा रहे हैं. यूपी में भी वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर हुई बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जिलों में सुरक्षित तरीके से वैक्सीन के स्टोरेज और टीकाकरण का प्लान दो दिनों में देने को कहा है. यूपी सरकार सभी 75 जिलों में कोरोना वैक्सीन को स्टोर करने की तैयारी कर रही है.
बता दें कि हाल ही में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि कोरोना वैक्सीन के लिए कोल्ड चेन को पल्स पोलियो वैक्सीन के लिए बनाई गई कोल्ड चेन की तर्ज पर तैयार किया जाए. अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में मौजूद कोल्ड स्टोरेज (cold storage) की क्षमता 90 हजार लीटर है, जिसे अब बढ़ाकर 2 लाख 30 हजार लीटर करने की जरूरत है. जिसे 15 दिसंबर तक पूरा करने की कोशिश की जा रही है.
भारत में भी अब कोरोना वायरस के खात्मे की शुरुआत होने वाली है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला का दावा है कि उनकी कंपनी को इस महीने के अंत तक वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है. बता दें कि उनकी कंपनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविशील्ड नाम की वैक्सीन बना रही है. इसके अलावा भारत बायोटेक और फाइजर इंडिया भी भारत में वैक्सीन की रेस में आगे हैं. कोविशील्ड तीन चरणों का ट्रायल पूरा कर चुकी है. उसने भारत और ब्रिटेन में इमरजेंसी इस्तेमाल के लाइसेंस का आवेदन भी दे रखा है. जबकि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन हैदराबाद में बन रही है