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109 साल के बुजुर्ग का दावा, कब्र खुदवाकर, कफन पहनकर मौत का क‍िया इंतजार, फिर...

jantaserishta.com
23 Oct 2021 7:25 AM GMT
109 साल के बुजुर्ग का दावा, कब्र खुदवाकर, कफन पहनकर मौत का क‍िया इंतजार, फिर...
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एक बजकर 10 मिनट पर उनकी मौत हो जाएगी.

बाराबंकी: यूपी में बाराबंकी ज़िले में शुक्रवार को एक बुज़ुर्ग की संभावित मौत का तमाशा देखने वालों की भीड़ इकट्ठा हो गई. दरअसल दिन-रात इबादत में डूबे रहने वाले 100 साल से ज़्यादा उम्र के बुज़ुर्ग मोहम्मद शफ़ी ने खुद अपने रिश्तेदारों और इलाक़े वालों को ये पैगाम भेजा था कि उनकी फरिश्ते से बात हुई है और एक बजकर 10 मिनट पर उनकी मौत हो जाएगी.

इसके बाद बाकायदा कब्र बनवाई गई और बुज़ुर्ग खुद ग़ुस्ल और कफ़न पहनकर बैठ गए. लोग घंटों टकटकी लगाए देखते रहे कि रूह कैसे न‍िकलती है. लोगों की भावनाओं को देखते हुए पुलिस और तहसील प्रशासन के लोग भी लम्बी प्रतीक्षा करते रहे लेकिन तय समय निकल जाने के बाद न मौत का फरिश्ता आया, न बुजुर्ग की मौत हुई. तब कोतवाल और एसडीएम सिरौली गौसपुर ने किसी तरह बुज़ुर्ग को समझा कर घर भेजा.
बता दें क‍ि सफ़दरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम नूरगंज में शुक्रवार की सुबह से लोगों का आना-जाना शुरू हो गया जिसका कारण यह था कि सौ साल की उम्र पार करने वाले मोहम्मद शफी ने बताया था क‍ि आज 1 बजकर 10 मिनट पर मेरा इंतकाल हो जायेगा. इसके लिए मोहम्मद शफी ने अपनी देखरेख में ही गांव में ही स्थित कब्रिस्तान में कब्र खुदवाई एवं नहा-धोकर कफ़न पहनकर घंटों तक मौत का इंतजार करते रहे.
खुद की मौत की भविष्यवाणी करने वाले मोहम्मद शफी ने बताया कि हम 5 वक्त की नमाज पढ़ते हैं और हमारी जिब्राईल से रोज मुलाकात होती है. उन्होंने बताया है कि आज दोपहर 1 बजकर 10 मिनट पर मेरा इंतकाल हो जायेगा जिसके लिए पहले से नाते एव रिश्तेदारों को सूचना दे देने से सुबह से ही लोगों का आना शुरू हो गया. कफ़न पहने बैठे वे मौत का इंतजार करते रहे. बताए गये समय के बीत जाने पर उपजिलाधिकारी सिरौली गौसपुर सुरेन्द्रपाल विश्वकर्मा, प्रभारी निरीक्षक सफ़दरगंज सुधीर कुमार सिंह ने अभी और जीने की बात को समझा कर घर भिजवाया.
बुजुर्ग ने बताया कि 5 वर्ष पहले मेरी मौत होने वाली थी लेकिन नहीं हुई, शुक्रवार 1 बजकर 10 मिनट पर मेरा इंतकाल हो जायेगा. बहरहाल खुद की मौत की भविष्यवाणी कर जिले में कोतूहल बना रहा और तमाम नाते रिश्तेदार पहुंच गये. वहीं, बुजुर्ग के पुत्रों ने बताया कि इनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता है, सुबह ही खुद कब्र खुदवाकर व कफ़न पहनकर कब्रिस्तान आ गये.


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