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बचपन में सिर से उठा पिता का साया, अब बेटी अफसर से बनीं ADM

jantaserishta.com
8 Oct 2021 7:30 AM GMT
बचपन में सिर से उठा पिता का साया, अब बेटी अफसर से बनीं ADM
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इमेज: आज तक 

मोतिहारी: बचपन में सिर से पिता का साया छ‍िनने के बाद भी जूली का हौसला नहीं टूटा और बड़े होकर पिता का सपना पूरा करने की ठान ली. यही लगन उन्हें तीन बार से लगातार बीपीएससी एग्जाम में सफलता दिला रही है. मोतीहारी की श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी जुली कुमारी अब एक बार फिर से पास होकर यह साबित कर चुकी हैं कि अगर इंसान पूरी लगन से आगे बढ़े तो कोई बाधा उसका रास्ता नहीं रोक सकती. आइए जानें जूली के बारे में ये बातें.

एक साधारण परिवार की रहने वाली जुली ने बचपन में ही अपने पिता को खो दिया था. उनके पिता एक शिक्षक थे. पिता के जाने के बाद जूली की जिंदगी में एक खालीपन आ गया था जिसे उन्होंने अपने सपनों से भरने की कोश‍िश की. वो बीपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को ऐसे पास करती चली गईं जैसे ये कोई साधारण परीक्षा हो. अब इसे लगातार तीसरी बार पास करके जूली ने इतिहास रच दिया है और चंपारण का नाम राष्ट्रीय क्ष‍ितिज पर ऊंचा किया है
मूल रूप से बेतिया की जुली अब किसी परिचय की मोहताज नही रहीं. उन्होंने पहली बार सफल होकर बिहार सरकार में श्रम विभाग में कार्यरत हुई थीं, वहीं दूसरी बार राजस्व पदाधिकारी बनीं. अब तीसरी बार सफल होने के बाद उन्हें एडीएम पद की जिम्मेदारी मिलेगी. जूली की लगातार हैट्रिक पर परिवार के साथ साथ उनके सहयोगी भी काफी खुश नजर आए. सबने केक काटकर उनकी सफलता का जश्न मनाया.
जुली की प्राथमिक पढ़ाई बेतिया के सरस्वती विद्या मंदिर से हुई और इसके बाद उन्होंने 12वीं की परीक्षा के बाद आगे की पढ़ाई काशी हिंदू विश्वविद्यालय से की. वहीं से उन्होंने बीपीएससी परीक्षा की तैयारी की और इसे पास कर श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बनी. कल एक बार फिर जैसे ही बीपीएससी की परीक्षा का रिजल्ट घोषित हुआ वैसे ही जुली के खुशियों का ठिकाना नही रहा. वो लगातार तीसरी बार सफल हो चुकी थीं.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक जूली ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पेरेंट्स व भाई बहनों को दिया. इस मौके पर जुली ने कहा कि मैं एक बार पास होने के बार भी रुकी नहीं, मैं आगे सफल होने के लिए सतत प्रयास करती रही. अबकी तीसरी बार भी मैंने खूब मेहनत की थी. मुझे विश्वास था कि इस बार भी मुझे सफलता जरूर मिलेगी.
वहीं उनकी इस सफलता पर जिले के श्रम अधीक्षक राकेश रंजन काफी खुश दिखे व अपने सहकर्मी की इस सफलता पर अपने कार्यालय में जाकर पहले तो जूली को बधाई दी व उन्हें उनका पसंदीदा केक खिलाया. उन्होंने कहा कि जूली उन तमाम लोगों के लिए उदाहरण बन गई हैं, उन्होंने तीसरी बार सफल होकर बिहार में एक इतिहास कायम कर दिया है.
बता दें कि 65वीं बीपीएससी में गौरव सिंह पहले नंबर पर टॉपर रहे हैं, वहीं टॉप 10 में दो लड़कियां हैं. लड़कियों में सेकेंड टॉपर अनामिका को ओवरऑल आठवां स्‍थान मिला है. रिजल्‍ट के आधार पर 14 विभागों में 423 पदों पर नियुक्तियां होंगी. कैंडिडेट अपना रिजल्‍ट आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट www.bpsc.bih.nic.in पर जाकर देख सकते हैं.


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