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भोपाल (आईएएनएस)| मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ सियासी दलों की सक्रियता भी बढ़ गई है। राज्य के दोनों प्रमुख दल भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस मतदाताओं के बीच पहुंचने और अपनी बात कहने के लिए यात्राओं का सहारा लेने लगे हैं।
राज्य में विधानसभा चुनाव इसी साल होना है और दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा तथा कांग्रेस को लगता है कि सत्ता की चाबी उसके हाथ में रहने वाली है। अपनी जीत का दावा करते हुए दोनों ही राजनीतिक दल जनता के बीच पहुंच रहे हैं। बैठकों, सभाओं का दौर तो चल ही रहा है अब यात्राओं की बारी आ गई है।
भाजपा अगले माह फरवरी में विकास यात्रा निकालने जा रही है। यह विकास यात्राएं पांच फरवरी से शुरू होंगी और अधिकतम 25 फरवरी तक चलेगी। इन विकास यात्राओं के जरिए सरकार अपनी योजनाओं को मतदाताओं तक तो पहुंचाएगी ही, साथ ही यह भी जानने की कोशिश की जाएगी कि वाकई में मतदाताओं का नजरिया क्या है, पार्टी के प्रति रुख क्या है और सरकार के साथ मंत्रियों को लेकर आम मतदाता क्या सोच रहे हैं। इस दौरान विकास कार्यों का शिलान्यास व लोकार्पण तो होगा ही साथ में समस्याओं का निदान भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विकास यात्राओं का रोड मैप बना चुके हैं। इसके अलावा अधिकारियों को भी यह निर्देश दे चुके हैं कि वे मंत्रियों के साथ समन्वय बनाए।
एक तरफ जहां भाजपा विकास यात्राओं की तैयारी में जुटी है तो वहीं कांग्रेस ने राहुल कमलनाथ संदेश यात्रा की शुरूआत कर दी है।
कांग्रेस की राहुल कमलनाथ संदेश यात्रा को प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री पवन पटेल ने बनाया बताया है कि यह यात्रा भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर संविधान की रक्षा, देश में बढ़ रही महंगाई, बेरोजगारी, किसान-मजदूरों व आम जनता पर हो रहे अत्याचार व समाज में व्याप्त डर के खिलाफ सभी को जोड़ने का प्रयास होगी। यह यात्राएं अलग-अलग स्थानों से निकाली जाएंगी और कुल 6200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी।
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