भारत

यूपी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की तलाश शुरू, इन्हें मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

Nilmani Pal
14 March 2022 1:08 AM GMT
यूपी मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की तलाश शुरू, इन्हें मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी
x

यूपी। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को प्रचंड जनादेश मिला है. अब यूपी में नई सरकार के गठन के लिए दिल्ली में मंथन शुरू हो गया है. योगी आदित्यनाथ ने राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने योगी को जीत की बधाई दी. वहीं योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी को शपथ ग्रहण समारोह में आने का न्योता दिया. कयास लगाया जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ होली के बाद सीएम पद की शपथ ग्रहण कर सकते हैं. वहीं, सूत्रों का कहना है कि बीजेपी संगठन की ओर से मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने की तलाश शुरू हो गई है. इस बार सरकार में डिप्टी सीएम की संख्या बढ़ सकती है. इसकी संख्या इस बार दो से अधिक हो सकती है. इसमें एक दलित चेहरा भी शामिल किया जा सकता है. मंत्रिमंडल में कौन-कौन शामिल किए जाएंगे, इस पर मुहर दिल्ली में जल्दी ही होने वाली बैठक में लगेगी.

बताया जा रहा है कि इससे पहले संसदीय बोर्ड दो प्रेक्षक तय करेगा. यह प्रेक्षक ही भाजपा की ओर से यूपी में होने वाली सरकार गठन की प्रक्रिया की निगरानी करेंगे. इस बार मत्रिमंडल में पूरी तरह से जातीय और क्षेत्रीय संतुलन दिखाई पड़ेगा. नए चेहरों में कन्नौज से चुनाव जीते रिटायर्ड IPS असीम अरुण या फिर आगरा ग्रामीण से विधायक बेबी रानी मौर्य को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है. भाजपा के रणनीतिकारों की योजना है कि दलितों से बड़ा नेतृत्व तैयार किया जाए. इनमें से किसी एक को डिप्टी सीएम भी बनाया जा सकता है.

ये बनाए जा सकते हैं मंत्री

सूत्रों का कहना है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और MLC स्वतंत्र देव सिंह, लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से विधायक राजेश्वर सिंह और रिटायर्ड IPS और MLC एके शर्मा भी मंत्री बनाए जा सकते हैं. मंत्रिमंडल में अपना दल-निषाद पार्टी को भी जगह दी जाएगी. अपना दल से एमएलसी आशीष पटेल, अलावा निषाद पार्टी से डॉक्टर संजय निषाद कैबिनेट में जाएंगे.

केशव मौर्य को मिलेगा मौका!

इस बार 11 मंत्री चुनाव हारे हैं, इस वजह से डिप्टी सीएम केशव मौर्य के अलावा बाकियों का मंत्री बन पाना मुश्किल है. केशव मौर्य का चेहरा पिछड़ों का चेहरा है, साथ ही वो एमएलसी भी हैं. इस वजह से पार्टी उन्हें फिर से मौका दे सकती है. हालांकि इस पर मुहर दिल्ली से ही लगेगी. बता दें कि 37 साल बाद यूपी में किसी सीएम की अगुआई में दोबारा सकार लौटी है. भाजपा गठबंधन ने 273 सीटें जीती हैं. 2003 के बाद योगी आदित्यनाथ पहले सीएम होंगे, जो विधानसभा के सदस्य होंगे.


Nilmani Pal

Nilmani Pal

    Next Story