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अनंतनाग | जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकियों से एनकाउंटर में देश ने सेना के तीन अफसर खो दिए हैं. इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है. घटना से पूरे देश में गम और गुस्सा देखा जा रहा है. पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की जा रही है और पुतले जलाए जा रहे हैं. भारतीय सेना भी आतंकियों को घेरने के लिए फुल प्रूफ प्लान के साथ घाटी में उतरी है. खबर है कि हमले से जुड़े लश्कर के दोनों आतंकियों को घेर लिया गया है. किसी भी वक्त ऑपरेशन खत्म हो सकता है.
अनंतनाग एनकाउंटर से पाकिस्तान भी घबरा गया है. एयरस्ट्राइक के खौफ में पाकिस्तान परेशान देखा जा रहा है. खुफिया एजेंसियों के हवाले से खबर है कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में सक्रिय टेरर कैंपों में से कुछ कैंप को पीछे की तरफ किया जा रहा है. सूत्रों ने बताया कि इन टेरर कैंपों को LoC के नजदीक बने लांच पैड की तरफ शिफ्ट किया गया है. दरअसल, पिछले कुछ दिनों में टेरर कैंपों में आतंकियों की संख्या बढ़ी है.
पाक ने LoC से पीछे शिफ्ट किए टेरर कैंप?
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, LoC के पास पाकिस्तानी सेना के कैंप के नजदीक कुछ टेरर कैम्प को शिफ्ट किए जाने की जानकारी मिली है. जानकारों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना के आतंकी कैंपों को शिफ्ट किये जाने के पीछे सबसे बड़ी वजह ये है कि उन्हें भारतीय सेना की कार्रवाई से बचाना है. शिफ्ट हुए टेरर कैंप में कुछ शिविर ऐसे हैं, जो LoC से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर हैं.
आतंकियों पर हमले का दबाव बना रही थी ISI
जानकारी मिली है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (ISI) एक्टिव है और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अपने आतंकियों पर सुरक्षा बलों पर बड़े हमले करने का दवाब बना रही है. ISI ने इन आतंकियों संगठनों को चेताया था कि अगर वो बड़े हमले करने में कामयाब नहीं होते हैं तो उनको पाकिस्तान से मिलने वाली फंडिंग रोक दी जाएगी.
आतंकी संगठनों को हथियार भेजने की कोशिशें
जानकार बताते हैं कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बड़े आतंकी हमले ना हो पाने से ISI परेशान है. वो अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पा रही है. ऐसे में उन्होंने आतंकियों पर दबाव बनाने की रणनीति बनाई और हमले किए जाने के लिए उकसाना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं, ISI की तरफ से भारत-पाकिस्तान सीमा पर लाइन ऑफ कंट्रोल (Line of Control) से जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक हथियार भेजने की लगातार कोशिश की जा रही है.
लश्कर के आतंकियों को दिया जा रहा है हथियार सप्लाई का टास्क
खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई महीने में भी पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) एक गांव में रखे गए हथियारों के एक बड़े जखीरे को भारतीय सीमा में भेजे जाने की साजिश रची गई थी. सीमा पार से हथियारों को जम्मू कश्मीर में भेजने के लिए पाकिस्तान की ISI उन कश्मीरियों का इस्तेमाल कर रही है जिन्हें LoC के सभी रास्तों की जानकारी है. हथियारों के एक बड़े जखीरे को भारत में दाखिल कराने के लिए पिछले दिनों लॉचिंग पैड के नजदीक PoK के लीपा में रहने वाले लश्कर के दो आतंकियों को हथियारों के एक जखीरे को जम्मू कश्मीर में भेजे जाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें से एक आतंकी कुपवाड़ा का रहने वाला है.
लोकल आतंकियों का बनाया जा रहा मोहरा
ये पहली बार नहीं है कि आतंकियों को दाखिल कराने के साथ-साथ हथियारों के कन्साइनमेंट को भारत में भेजने के लिए लोकल आतंकियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस साल 5 मई को सेना ने राजौरी के कुंडली के जंगलों में आतंकियों के खिलाफ ऑपेरशन में लगे सेना पर हमले के पीछे लश्कर कमांडर साजिद जुट ग्रुप के शामिल होने का शक जताया था.
लश्कर कमांडर ने रची थी राजौरी हमले की साजिश
खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के कोटली में बैठा लश्कर कमांडर साजिद जुट उर्फ हबीबुल्लाह मालिक और रफीक नई उर्फ सुल्तान ने राजौरी हमले की साजिश रची थी. साथ ही सीमा पार से आतंकियों के दो गुट को भारतीय सीमा में सेना पर हमले के लिए दाखिल कराया गया था.
पूंछ में सेना के ट्रक पर हमले में शामिल था आतंकी ग्रुप
खुफिया एजेंसियों को शक है कि लश्कर कमांडर साजिद जुट ने रफीक नाई के साथ मिलकर 10-12 आतंकियों को दो ग्रुप में भारत में घुसपैठ कराने की साजिश रची थी. इन्हीं में से एक ग्रुप के 20 अप्रैल को पूंछ में सेना के ट्रक पर हुए हमले का जिम्मेदार माना गया था. एजेंसियों को शक है कि सभी आतंकियों को देश की सीमा में घुसपैठ कराने की जिम्मेदारी PoK में बैठे आतंकियों के आकाओं ने रफीक नई को सौंपी थी.
कौन है आतंकी रफीक नई?
रफीक नई जम्मू का ही रहने वाला है और उसे घुसपैठ के रास्तों की जानकारी है. तहरीक उल मुजाहिदीन/ गजवनी कमांडर रफीक नाई को सुल्तान के नाम से भी जाना जाता है. उसका काम PoK के टेरर कैंपों में ट्रेनिंग पूरी कर चुके आतंकियों को जम्मू कश्मीर में घुसपैठ कराना है.
जब पाकिस्तान में घुसकर भारत ने आतंकियों के ठिकानों को किया था तबाह
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान से बदला लेने की ठान ली थी. पुलवामा हमले के ठीक 12 दिन बाद यानी 26 फरवरी 2019 को रात करीब 3 बजे भारत ने बालाकोट एयरस्ट्राइक करते हुए पाकिस्तान के करीब 300 आतंकी मार गिराए थे. सरकारी दावे के मुताबिक मिराज 2000 ने आतंकी ठिकानों पर करीब 1000 किलो के बम गिराए. पाकिस्तान को भारत की इस कार्रवाई की भनक तक नहीं लगी थी.
TagsThe Resistance Front (TRF)a terrorist organization associated with Lashkar-e-Taiba based in Pakistantook responsibility for the terrorist attack.ताज़ा समाचारब्रेकिंग न्यूजजनता से रिश्ताजनता से रिश्ता न्यूज़लेटेस्ट न्यूज़हिंदी समाचारआज का समाचारनया समाचारTaza SamacharBreaking NewsJanta Se RishtaJanta Se Rishta NewsLatest NewsHindi NewsToday's NewsNew News
Harrison
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