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इंदौरवासियों ने प्रवासियों के लिए खोल दिए दिल और घर के द्वार

jantaserishta.com
10 Jan 2023 9:11 AM GMT
इंदौरवासियों ने प्रवासियों के लिए खोल दिए दिल और घर के द्वार
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इंदौर (आईएएनएस)| मेहमान नवाजी के लिए मालवा और उसमें भी इंदौर के क्या कहने, यह बात यहां आयोजित 17वंे प्रवासी भारतीय सम्मेलन में भी नजर आ रही है। विदेशों से आए मेहमानों के लिए यहां के निवासियों ने अपने दिल और घरों के दरवाजे खोल दिए। बड़ी संख्या में प्रवासी होटल में नहीं बल्कि इंदौरियों के घरों में रुके हैं। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के मददेनजर यहां के लेागों ने अपने घरों को आकर्षक तौर पर सजाया है, घरों के बाहर रंगोली भी बनाई, सुविधाओं के साथ व्यवस्थाएं भी आला दर्जे की की है।
आखिर प्रवासियों को घरों में ठहराने का विचार कैसे आया, इस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि जब प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन इंदौर में करने का विचार आया, तभी यह भी विचार किया गया कि कुछ प्रवासी भारतीयों के लिए होटलों के स्थान पर स्थानीय नागरिकों के घर पर रुकने की व्यवस्था की जाए। मेहमान और मेजबान दोनों परिवार एक-दूसरे की संस्कृति और परंपराओं को समझ सकें और विदेश से आए हमारे मेहमानों को अपनापन अनुभव हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के स्वागत और सत्कार में केवल प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन ही नहीं, इंदौर का हर एक नागरिक लगा हुआ है। हमारे देश की संस्कृति और परंपरा के अनुसार अतिथि देवताओं के तुल्य माना गया है और यह कहा गया है कि 'मेहमां जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है'। विभिन्न देशों से इंदौर आए प्रवासी भारतीयों ने भी यहां आने के बाद के अपने अनुभव सुनाये।
बहरीन से इंदौर आए रमेश पाटीदार ने यहां की मेहमान नवाजी की सराहना करते हुए कहा कि यहां के अर्पित ने कई बार उन्हें फोन किए और इंदौर आने को कहा। यहां आकर मन खुश हो गया। इसी तरह रमेश शर्मा तो कहते है कि वे यहां आया तो गेस्ट की तरह हूं, मगर फेमिली छोड़कर जाउंगा।
लंदन से आए सुनील चोपड़ा ने अपने अनुभव सुनाते हुए इंदौर की स्वच्छता व्यवस्था को सराहा। उन्होंने कहा कि इंदौर की साफ-सुथरी सड़कें लंदन की सड़कों से भी बेहतर हैं। संयुक्त अरब अमीरात से आए आदित्य प्रताप सिंह तथा साध्वी दिव्यप्रभा के साथ केलीफोर्निया अमेरिका से आई डॉक्टर वीणा चौहान का इंदौर के अपनेपन ने दिल जीत लिया।
मुख्यमंत्री चौहान आनंदा कॉलोनी स्थित बी.के. झंवर के निवास पर सपत्नी पहुंच कर 'पधारो म्हारे घर' कार्यक्रम में कॉलोनीवासियों के घर में रूके प्रवासी भारतीयों से भेंट की।
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