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नई दिल्ली | INDIA गठबंधन में आम आदमी पार्टी को शामिल करने या दिल्ली सर्विस बिल पर आप का साथ देने का विरोध पंजाब की कांग्रेस इकाई शुरु से करती आ रही है। अब संकेत मिल रहे हैं कि पंजाब कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव में एकला चलो की राह अपनाने की वकालत कर रही है। इस बीच, पंजाब के वित्त मंत्री और आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने रविवार को नाभा में कहा कि उनकी पार्टी राज्य में 2024 का लोकसभा चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन में लड़ेगी। चीमा के इस बयान से कांग्रेस पार्टी के राज्यस्तरीय नेता हैरान हैं क्योंकि वे लगातार आप से गठजोड़ करने वाली व्यवस्था के खिलाफ जोरदार बोल रहे हैं।
जब चीमा से मीडियाकर्मियों ने पूछा कि क्या पंजाब में आप और कांग्रेस मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेंगे? चीमा ने कहा, “बेशक। देश के लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन का गठन किया गया है। गठबंधन के पीछे का उद्देश्य बहुत बड़ा है, जिसके लिए छोटे-मोटे मतभेदों को किनारे रखना होगा।”
इस बीच, कांग्रेस के सूत्रों ने TOI से खुलासा किया कि चीमा के बयान ने पार्टी नेताओं को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है क्योंकि वे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और आप पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे, यहां तक कि सत्ताधारी पार्टी को आरएसएस-बीजेपी की 'बी' टीम भी कह रहे थे। वे यहां तक कह रहे थे कि कांग्रेस राज्य की सभी 13 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और आप के साथ सीट बंटवारे का कोई सवाल ही नहीं है। कांग्रेस के एक विधायक ने कहा, ''वे अब इस मुद्दे पर भारी दुविधा में हैं और चर्चा कर रहे हैं कि इस यू-टर्न से कैसे निपटा जाए।''
यह पहली बार है जब पंजाब आप के किसी वरिष्ठ नेता ने ऐसा बयान दिया है। चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार साजिश रच रही है और इंडिया गठबंधन को नीचा दिखाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, "बीजेपी इस गठबंधन से डरी हुई है।" चीमा ने कहा, "इंडिया गठबंधन में कुछ राजनीतिक दल ऐसे हैं जिनके बीच राज्यों में आपसी मतभेद हैं। भाजपा इन मतभेदों को बढ़ाने का प्रयास कर रही है ताकि विपक्षी एकता और गठबंधन सफल न हो सके।"
बता दें कि कांग्रेस नेतृत्व ने एक महीने पहले पंजाब के नेताओं को संकेत दिया था कि सीटों के बंटवारे पर विचार किया जा रहा है। हालाँकि, प्रताप सिंह बाजवा और पीसीसी प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग जैसे पंजाब कांग्रेस के नेता बार-बार और स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि पंजाब में AAP के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा। इसके पीछे बाजवा तर्क देते रहे हैं कि पंजाब में किसी तरह के गठबंधन की जरूरत नहीं है क्योंकि भाजपा राज्य में कोई बड़ी ताकत नहीं है।
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Harrison
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