नए सीडीएस की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू: थल सेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ कमांडर ने की बैठक
देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे में मौत के बाद अब नए सीडीएस की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। तीनों सेनाओं से मिली सिफारिशों के अधारा पर नामों की सूची मंजूरी के लिए जल्द ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंपी जाएगी। इससे परिचित अधिकारियों ने कहा कि सरकार जनरल बिपिन रावत के उत्तराधिकारी का चयन करने के लिए थल सेना, नौसेना और वायुसेना के वरिष्ठ कमांडर की सदस्यता वाली एक समिति को अंतिम रूप दे रही है।
बता दें कि भारत के प्रथम सीडीएस जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और सशस्त्र बलों के 11 अन्य कर्मियों की आठ दिसंबर को तमिलनाडु में कुन्नूर के निकट एक हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई। घटना में जीवित बचे एकमात्र व्यक्ति और गंभीर रूप से घायल ग्रुप कैप्टन वरूण सिंह का बुधवार को निधन हो गया। नए सीडीएस के चयन से जुड़े घटनाक्रम से अवगत दो लोगों ने बताया कि तीनों सेनाओं (थल सेना, नौसेना और वायुसेना) से मिली सिफारिशों के आधार पर सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है तथा जल्द ही इसे मंजूरी के लिए रक्षा मंत्री को सौंप दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि रक्षा मंत्री की मंजूरी मिलने के बाद नए सीडीएस की नियुक्ति के लिए अंतिम निर्णय लेने को लेकर नामों को (केंद्रीय) मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के पास विचारार्थ भेजा जाएगा। समझा जाता है कि थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के अनुभव पर विचार करते हुए उन्हें इस शीर्ष पद पर नियुक्त करने की प्रबल संभावना है। वह अगले साल अप्रैल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल वीआर चौधरी और नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने अपना-अपना पदभार 30 सितंबर और 30 नवंबर को संभाला था।
यदि जनरल नरवणे सीडीएस नियुक्त किए जाते हैं तो सरकार को उनके उत्तराधिकारी पर भी विचार करना होगा। थल सेना के उप्र प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सीपी मोहंती और उत्तरी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी थल सेना प्रमुख पद के लिए दौड़ में आगे हैं। लेफ्टिनेंट जनरल मोहंती और लेफ्टिनेंट जनरल जोशी एक ही बैच के हैं और वे जनरल नरवणे के बाद वरिष्ठतम कमांडर हैं। वे दोनों 31 जनवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। जनरल रावत ने भारत के प्रथम सीडीएस का पदभार पिछले साल एक जनवरी को संभाला था। सीडीएस, रक्षा मंत्रालय में सैन्य मामले विभाग (डीएमए) के सचिव और रक्षा मंत्री के प्रधान सलाहकार भी होते हैं।