शिमला मिर्च के दाम 2 रुपए किलो तक गिरा, गुस्साए किसानों ने सड़कों पर फेंकी
पंजाब। पंजाब में शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वाजिब दाम न मिलने से खफा किसानों ने शिमला मिर्च को सड़कों पर फेंकना शुरू कर दिया है। पंजाब के मानसा जिले के रेतीले इलाकों में शिमला मिर्च बड़े पैमाने पर उगाई जाती है। यहां से उत्तर भारत के राज्यों में शिमला मिर्च की आपूर्ति की जाती है लेकिन इस बार बाहरी व्यापारियों के नहीं आने की वजह से कीमत एक रुपये से तीन रुपये प्रति किलो के बीच है। हालत यह है कि किसानों की लागत तक नहीं निकल पा रही है।
मानसा में किसानों ने शिमला मिर्च को बठिंडा-चंडीगढ़ मुख्य मार्ग पर फेंका। आमतौर पर शिमला मिर्च की कीमत 15 से 20 रुपये प्रति किलो मिलती है लेकिन इस बार किसानों को कुछ भी नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि किसानों ने अब सड़कों पर फेंकना ही उचित समझा। पंजाब किसान यूनियन के प्रदेश उपप्रधान गोरा सिंह भैणीबाघा ने कहा कि इस बार सब्जी उत्पादकों को शिमला मिर्च का पूरा रेट नहीं मिल रहा है। अभी शिमला मिर्च का दाम एक से तीन रुपये प्रति किलो चल रहा है। किसानों का खर्चा नहीं निकल रहा है। किसान नेता ने बताया कि भैणीबाघा गांव के किसानों गेहूं और धान की खेती छोड़ वैकल्पिक खेती का रुख किया। कुछ वर्षों तक किसानों को अच्छा मुनाफा हुआ लेकिन नोटबंदी फिर कोरोना महामारी के कारण किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उग्राहां) के जिला प्रधान राम सिंह ने कहा कि सरकार को सब्जी उत्पादकों को साथ में लेकर मार्केटिंग की व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रेलगाड़ियों से ढुलाई पर सब्सिडी दी जाए और बीज और पॉलीथिन पर भी सब्सिडी मिले। उधर, सब्जी मंडी आढ़ती यूनियन के नेता लकी मित्तल ने कहा कि पहले मानसा की शिमला मिर्च को व्यापारी जम्मू-कश्मीर, हिमाचल, राजस्थान, दिल्ली, हैदराबाद, यूपी ले जाते थे लेकिन इस बार अधिक उत्पादन और व्यापारियों के नहीं आने से दाम गिरे हैं।
#WATCH पंजाब: मनसा में शिमला मिर्च का मूल्य 1-1.5 रुपये प्रति किलो तक गिरने के बाद गुस्साए किसानों ने अपनी फसल सड़कों पर फेंकी। pic.twitter.com/5NqFXiQapy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 20, 2023