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Police की फटी रह गई आंखें, बहुत ही शातिर निकला पड़ोसी, बेगुनाह ने जेल काटा

jantaserishta.com
22 July 2024 2:49 AM GMT
Police की फटी रह गई आंखें, बहुत ही शातिर निकला पड़ोसी, बेगुनाह ने जेल काटा
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पुलिस इस मामले में फिर से छानबीन करेगी।
पटना: बिहार के मोकामा से फर्जी किडनैपिंग का अनोखा मामला सामने आया है। नौ साल पहले जिस व्यक्ति के अपहरण में पुलिस ने पड़ोसी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, उस व्यक्ति को उसके ही घर से बरामद कर लिया। अपहरण के आरोप में पड़ोसी को छह महीने जेल में भी रहना पड़ा था। मामला मोकामा थाना क्षेत्र के कन्हाईपुर का है। पुलिस इस मामले में फिर से छानबीन करेगी। इसके लिए न्यायालय का आदेश लिया जा रहा है। कथित अगवा शख्स को पुलिस ने पकड़ लिया है।
28 जून 2015 को कन्हाईपुर निवासी वेद प्रकाश महतो ने अपने पिता राम ईश्वर महतो की हत्या की नीयत से अपहरण का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में जयराम सिंह महतो को नामजद अभियुक्त बनाया गया था। पुलिस ने जय राम सिंह महतो को गिफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। छह महीने तक जेल में रहने के बाद हाईकोर्ट से वह जमानत पर बाहर आया। शनिवार रात जयराम सिंह महतो ने मोकामा थाने में पहुंच सूचना दी कि जिस व्यक्ति के अपहरण और हत्या के आरोप में उसे जेल भेजा गया था, वह घर पर आया हुआ है। पुलिस भी यह सुनकर चौंक पड़ी।
जयराम महतो की सूचना पर पुलिस ने तत्काल राम ईश्वर महतो के घर में छापेमारी कर उसे बरामद कर लिया। पुलिस ने इस मामले में आवश्यक कार्रवाई की बात कही है। राम ईश्वर महतो के पुत्र वेद प्रकाश ने आरोप लगाया था कि उनके पिता खेत देखने गए थे तथा नीलगाय से फसल को बचाने के लिए वह हमेशा खेत जाते थे। 28 जून 2015 को भी वह फसल देखने के लिए घर से निकले थे लेकिन वह लौटकर वापस नहीं आए थे। इस मामले में हत्या की नीयत से अपहरण का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 9 साल गुजर जाने के कारण इसमें हत्या की धारा भी जोड़ दी गई थी।
रामेश्वर महतो और उनके परिवार ने फुलप्रूफ प्लानिंग कर नौ साल तक इस झूठ को छुपाए रखा। दरअसल राम ईश्वर महतो और जयराम महतो में कुछ अदावत चलती थी। इसी विवाद में जयराम महतो को सबक सिखाने के लिए अपहरण की झूठी कहानी गढ़ी गई थी। 9 साल तक राम ईश्वर महतो छिप कर रह रहा था और इधर पुलिस ने उसे मृतक भी मान लिया था। समाज में भी उसे मृत समझा जा रहा था। जयराम महतो की माने तो वह लगातार उन पर नजर बनाए हुए था और यही कारण है कि उसके झूठ से पर्दा हटाने में आखिरकार सफलता मिली। एएसपी अपराजित लोहान ने कहा कि नौ साल बाद अपहृत व्यक्ति को बरामद किया गया है। पड़ोसी से धमकी मिलने के बाद ये हरिद्वार में रह रहे थे। बरामद व्यक्ति का कोर्ट में बयान कराया जायेगा। न्यायालय के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।
सहायक पुलिस अधीक्षक अपराजित लोहान ने बताया कि इस मामले की दोबारा जांच के लिए न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है लेकिन जिस व्यक्ति के अपहरण की बात कही जा रही थी उसकी बरामदगी होने से मामले में एक नया मोड़ आया है। न्यायालय को वस्तुस्थिति से अवगत कराने हेतु आगे की कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश मांगा जाएगा। ताकि किसी भी निर्दोष को सजा ना मिले।
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