कर्नाटक। देश की प्रौद्योगिकी राजधानी बेंगलुरू (Bangalore) के ब्यादरहल्ली में अधिकारियों की उदासीनता के कारण एक 46 वर्षीय महिला की जान चली गई. दरअसल गड्ढे से बचने की कोशिश कर रहे दोपहिया वाहन (Two wheeler) से महिला गिर गई. जिसके बाद एक पिकअप वैन (Pickup van) महिला के ऊपर से गुजर गया. इस घटना में महिला की मौत हो गई. जबकि महिला का पति गंभीर रूप से घायल हो गया है. एक निजी अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. घटना के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है. बेंगलुरू में सड़क हादसे में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सड़कों की खराब गुणवत्ता के कारण पिछले कुछ वर्षों में कई लोगों की जान चली गई है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सड़कों पर गड्ढे भरने को लेकर ब्रुहत बेंगलुरु महानगर पालिका को फटकार लगाई थी. महानगर पालिका ने अदालत को बताया था कि उसने अपनी समय सीमा के अंदर सभी गड्ढों को भर दिया है. उसके बाद गड्ढे के कारण यह घटना हुई है.
लाइव लॉ की की एक रिपोर्ट के अनुसार मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति सूरज गोविंदराज की खंडपीठ ने विजयन मेनन द्वारा दायर मामले की सुनवाई की थी. अदालत ने कहा कि 'हम व्यक्तिगत रूप से महसूस करते हैं कि आपने कुछ नहीं किया है. ऐसा कुछ भी न कहें जो हमें स्वयं गलत लगे'. वहीं अदालत ने ये भी कहा कि भारत के सबसे बड़े और सबसे अमीर नगर निकायों में से एक बीबीएमपी हर साल सड़क संबंधी कार्यों पर हजारों करोड़ खर्च करता है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पिछले साल सितंबर में राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान कहा था कि पिछले पांच वर्षों में बेंगलुरु में सड़क से संबंधित कार्यों पर प्रशासन द्वारा 20,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए गए थे. बेंगलुरु की सड़कें देश में सबसे विश्वासघाती हैं, हर साल कई लोगों की जान जाती है और भारत की आईटी राजधानी के 12 मिलियन से अधिक निवासियों के जीवन में सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है. 'आप यह कहकर दूर नहीं हो सकते कि जब सड़कों का निर्माण हुआ तो सड़कों पर भार कम था. अब आपको समाधान के साथ बाहर आना होगा'.
गड्ढे ने ले ली महिला की जान, अधिकारियों की लापरवाही आई सामने