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अचूक फार्मूला आई4सी: ब्रिटेन में हुये साइबर जैसे हमले को ऑनलाइन अपराधियों पर नकेल रोकेगा

Admin4
1 Oct 2021 4:54 PM GMT
अचूक फार्मूला आई4सी: ब्रिटेन में हुये साइबर जैसे हमले को ऑनलाइन अपराधियों पर नकेल रोकेगा
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केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तलाशा गया अचूक फार्मूला है ‘आई4सी’. साइबर अपराधियों के एक्टिव होते ही उन्हें दबोच लेने के लिए.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क :- साइबर अपराधियों ने 12 मई 2017 को ब्रिटेन जैसे विकसित देश की विशाल राष्ट्रीय स्वास्थ्य-सेवा (Cyber attack on United Kingdom's National Health Service) पर साइबर हमला करके चंद मिनट में उसकी चूलें हिला दीं थीं. उस हमले से स्कॉटलैंड की स्वास्थ्य सेवाएं तहस-नहस हो गई थीं. ऐसे हमलों से बचने के लिए भारत सरकार दिन-रात जुटी है. हिंदुस्तानी हुकूमत भी ब्रिटेन में हुए उस जैसे घातक साइबर हमले से बचने के हर-संभव उपाय तलाश कर उन्हें अमल में लाने की कोशिशों में जुटी है.

इन्हीं कोशिशों के तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा तलाशा गया अचूक फार्मूला है 'आई4सी'. साइबर अपराधियों के एक्टिव होते ही उन्हें दबोच लेने के लिए. या अगर देश में यह साइबर अपराधी कहीं किसी वारदात को अंजाम दे भी दें तो, उन्हें तुरंत कानूनी शिकंजे में जकड़ा जा सके. केंद्रीय गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों की बात मानें तो, अब तक देश में मौजूद साइबर अपराधी खुद को सबसे ज्यादा शातिर और सरकारी मशीनरी को खुद के सामने बाहियाद मान रहे थे. लिहाजा इन अपराधियों को शुरू में ही पकड़ कर साइबर अपराधों पर लगाम लगाया जाना जरूरी था. इसी के चलते हाल-फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 'आई4सी' फार्मूला तलाशा है.
जानिए आखिर क्या है "आई4सी"
'आई4सी' फार्मूले का पूरा नाम Indian Cyber Crime Co-ordination Centre है. इस फार्मूले की निगरानी और उसे गंभीरता से अमल में लाने की जिम्मेदारी भी हिंदुस्तान की हुकूमत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को ही सौंपी है. क्योंकि आई4सी फार्मूले की रुपरेखा (ब्लूप्रिंट) या इसकी परिकल्पना भी केंद्रीय गृह मंत्रालय की अपनी ही थी. देश के कोने-कोने में साइबर ठगों द्वारा आए दिन अंजाम दी जा रही 'ऑनलाइन-ठगी' की इन घटनाओं और साइबर अपराधियों को काबू करने में आई4सी फार्मूले के बेहद कामयाब साबित होने की उम्मीद है. साइबर अपराधियों से निपटने के लिए बने इस फार्मूले की खासियत है कि, इस पर अमल की जिम्मेदारी किसी व्यक्ति-विशेष या फिर राज्य विशेष अथवा किसी राज्य विशेष की किसी एजेंसी-विशेष को जिम्मेदारी नहीं दी गई है.
टीमवर्क से तबाह किए जाएंगे साइबर अपराधी
साइबर अपराधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए बनाए गए इस फार्मूले को अमल में लाने की जिम्मेदारी सामूहिक होगी. और यह सब संभव होगा Joint Cyber Crime Co-ordination Team (JCCT) के प्रयासों से. इन तमाम तथ्यों में से कई की पुष्टि शुक्रवार को उत्तराखण्ड राज्य के पुलिस महानिदेशक और देश के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार ने भी की. उत्तराखण्ड राज्य पुलिस महानिदेशक (Director General of Police Uttarakhand) के मुताबिक, "आई4सी फार्मूले को अमल में लाने के लिए दिन-रात युद्धस्तर पर काम जारी है. इस फार्मूले का बेहतरीन इस्तेमाल जल्दी से जल्दी कैसे किया जाए? इस पर मंत्रणा के लिए देश भर में Joint Cyber Crime Co-ordination Team (JCCT) मीटिंग्स/संयुक्त सम्मेलन चल रहे हैं."
अमल में लाने की कोशिशों निरंतर जारी
शुक्रवार को उत्तराखण्ड राज्य पुलिस मुख्यालय में भी इसी तरह के Joint Cyber Crime Co-ordination Team (JCCT) का आयोजन किया गया था. कांफ्रेंस में मौजूद साइबर क्राइम अपराधों से जूझ रही अलग अलग राज्यों की पुलिस टीमों ने माना कि, ऑनलाइन ठगी के लिए साइबर अपराधी रोजाना नए फार्मूले खोज ले रहे हैं. जब तक पुलिस किसी पूर्व घटना को सुलझा पाती है तब तक साइबर अपराधी किसी नई तरह की ऑनलाइन ठगी की घटना को अंजाम देकर साफ बचकर निकल जाते हैं. अब तो ऑनलाइन ठगी के प्रकरण वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों ही तरह की वारदातों में सामने आने लगे हैं. ये मामले आने वाले वक्त में आमजन और किसी भी राज्य की पुलिस के लिए बड़ी चुनौती के रूप में सामने खड़े होंगे.
ऐसे काम करेगा "आई4सी" फार्मूला
शुक्रवार को उत्तराखण्ड राज्य पुलिस महानिदेशालय परिसर में आयोजित Joint Cyber Crime Co-ordination Team की कांफ्रेंस में निकल कर आया कि, साइबर अपराधों की रोकथाम एवं उनके खुलासे के लिए पुलिस, Law Enforcement Agencies (LEA) लगातार प्रयासरत हैं. इन्हीं प्रयासों के क्रम में पुलिस को बैंक/वॉलेट/पेमेंट गेटवे आदि से भी लगातार समन्वय स्थापित करना पड़ता है. Joint Cyber Crime Co-ordination (JCCT)-V की दूसरी Regional Conference शुक्रवार को उत्तराखण्ड पुलिस मुख्यालय देहरादून में महानिदेशक अशोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गयी थी. जबकि इससे पूर्व JCCT-V की पहली Regional Conference बीते वर्ष (सन् 202 में) चण्डीगढ़ में ऑनलाइन आयोजित हुई थी.
उल्लेखनीय है कि के आई4सी (Indian Cyber Crime Co-ordination Centre) केंद्रीय गृह मंत्रालय की एक अहम एवं नई पहल है. वो पहल जिसमें पूरे भारत को विभिन्न Cyber Zone में विभाजित किया गया है. उत्तराखण्ड राज्य को North Zone में रखा गया है. जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, पंजाब, चण्डीगढ़, उत्तराखण्ड एवं गृह मंत्रालय North Zone समूह के सदस्य हैं. इस समूह का उद्देश्य आपसी समन्वय स्थापित करना, सूचना एवं अपराध के विश्लेषित आंकड़ों का आदान-प्रदान, मुकदमों में मुलजिमों की गिरफ्तारी के लिए मिलकर सामुहिक स्तर पर प्रयास करना है.
आईसी4सी" मतलब कई दिमाग एक "काम"
उत्तराखण्ड पुलिस महानिदेशालय में आयोजित कांफ्रेंस में North Zone के सदस्य राज्य व केन्द्र शासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारी मौजूद थे. साथ ही खुफिया विभाग (Intelligence Bureau IB), प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate ED), केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation CBI), दूरसंचार विभाग (Department of Telecom DOT), रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India (RBI), रजिस्ट्रार कंपनी पंजीयन (Registrar of Companies ROC), रजिस्ट्रार सहकारी समितियां (Registrar of Co-operative Societies RCS) सहित पेमेंट गेटवे, वॉलेट, बैंक आदि के अधिकारी भी मौजूद थे. बैठक में जिन जिन राज्यों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया उनमें केंद्रीय गृह मंत्रालय, चण्डीगढ़, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, लद्दाख, सीबीआई, पंजाब, हिमाचल प्रदेश पुलिस अधिकारियों सहित उत्तराखण्ड राज्य स्पेशल टास्क फोर्स (Uttarakhand Police Special Task Force) के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह इत्यादि प्रमुख थे


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