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विपक्ष का तंज, कहा- रोजाना के इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी बढ़ाया गया है, और...
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1 Aug 2022 12:02 PM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: लोकसभा से सांसदों का निलंबन वापस लेने के बाद सोमवार को लोकसभा में महंगाई पर चर्चा हुई. इस दौरान विपक्ष ने एलपीजी, बेरोजगारी, ईंधन के बढ़ते दामों पर सरकार पर जमकर हमला बोला.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चर्चा की शुरुआत की है. उन्होंने अर्थव्यवस्था के गलत प्रबंधन के लिए सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश में पिछले 14 महीने से महंगाई डबल डिजिट में है, यह 30 साल में सबसे ज्यादा है. उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक आसमान छू रहा है.
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि चावल, दही, पनीर और पेंसिल और शार्पनर जैसी रोजाना के इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी बढ़ाया गया है. बच्चों को भी नहीं बख्श रही सरकार.
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपना बजट तो ठीक कर लिया होगा, लेकिन 25 करोड़ लोगों का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. आज हर गृहणी के आंसू बह रहे हैं, महंगाई ने कमर तोड़ दी है. राज्यसभा की कार्यवाही 2 अगस्त सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है. मालूम हो कि विपक्ष के हंगामे के चलते दो हफ्तों से संसद की कार्यवाही बाधित थी.
टीएमसी सांसद काकोली घोष ने महंगाई पर चर्चा करते हुए कहा कि कभी-कभी मुझे लगता है कि क्या सरकार हमें कच्चा खिलाना चाहती है? इस दौरान उन्होंने कच्चा बैंगन खाना शुरू कर दिया फिर उन्होंने कहा कि सब्जी मैं कच्चा खा जाती हूं, क्योंकि ईंधन नहीं मिलता है.
उन्होंने कहा कि एलपीजी के दाम चार बार बढ़े हैं. इसके दाम 600 से 1100 रुपये हो गया है. गरीब कैसे इतने पैसे देकर सिलेंडर खरीदेगा. सरकार को सोचना चाहिए. हमें कच्चा खिलाने की आदत जो आप डालना चाहते हैं, उसे बंद कीजिए. ईंधन के दाम कम कीजिए.
झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष पर ही सवाल उठा दिए. उन्होंने आरोप लगाया कि पंजाब, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान जैसे गैर बीजेपीशासित राज्यों में वित्तीय कुप्रबंधन और मुफ्त सुविधाओं के कारण आज आरबीआई इन्हें कोई ऋण देने के लिए तैयार नहीं है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि कोविड के कारण पूरी दुनिया तबाह है, अमेरिका को देखिए, श्रीलंका, बांग्लादेश या आस-पास किसी पड़ोसी देश के हालात को देख लीजिए, सभी जगह रोजगार छीने जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सभी जगह महंगाई बढ़ रही है. चीन से तो खबर है कि बैंकों के सामने टैंक लगे हुए हैं. ऐसे हालातों में यहां गरीब को दो वक्त की भरपेट रोटी मिल रही है, उसके लिए क्या मोदी जी को धन्यवाद नहीं देना चाहिए.
निशिकांत दुबे ने कहा कि इसी संसद में हम किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाते थे लेकिन पिछले 8 साल में किसानों की आत्महत्या पर चर्चा हुई है यानी कि अब वह आत्महत्या नहीं कर रहे.
उन्होंने कहा कि किसान ने एक साल आंदोलन तो किया, लेकिन आत्महत्या नहीं की. हमने किसानों को इतनी ताकत दी कि वह सरकार से भी दो-दो हाथ करने को तैयार था. कांग्रेस सरकार में तो वह भीख मांग रहा था. आप रोटी तक नहीं दे पा रहे थे.
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