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ओमिक्रॉन वेरिएंट से पूरी दुनिया में हड़कंप लेकिन ये कितना खतरनाक है? भारत में संक्रमित डॉक्टर ने कही ये बात
jantaserishta.com
4 Dec 2021 3:56 AM GMT
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नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron In India) को लेकर पूरी दुनिया में हड़कंप मचा है. भारत में भी ओमनिक्रॉन ने दस्तक दे दी है. इसी हफ्ते कर्नाटक से ओमिक्रॉन के दो नए मामले सामने आए. इनमें से एक 46 साल के डॉक्टर भी हैं. लेकिन संक्रमित डॉक्टर फिलहाल ठीक हैं. उन्होंने खुद कहा है कि उन्हें कोई ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है. बता दें कि दक्षिण अफ्रीका में मिले इस वेरिएंट को बेहद खतरनाक कहा जा रहा है. ये काफी तेज़ी से फैलता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इसके लक्षण भी अलग हैं. आईए जानते हैं कि संक्रमित डॉक्टर ने क्या कहा.
संक्रमित डॉक्टर ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि बीमारी से ज्यादा दर्दनाक घर में बंद रहना है. डॉक्टर ने कहा कि जैसे ही उन्हें पता चला कि वो कोरोना से संक्रमित हैं उन्होंने सबसे पहले खुद को क्वारंटीन किया. उनकी पत्नी और बच्चे भी क्वारंटीन हो गए. संक्रमित डॉक्टर फिलहाल पूरी तरह से ठीक हैं. वो अब भी अस्पताल में हैं.
ओमिक्रॉन के लक्षण
ओमिक्रॉन के लक्षणों के बारे में उन्होंने कहा कि उनके शरीर में काफी तेज़ दर्ज हो रहा था. इसके अलावा उन्हें हल्का बुखार था. लेकिन सांस लेने में कोई तकलीफ नहीं हुई. उनका ऑक्सीजन लेवल भी लगातार नॉर्मल रहा. 21 नवंबर से उन्हें बुखार लगना शुरू हुआ. अगले दिन ही उन्होंने आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए अपने स्वैब के सैंपल दिए. डॉक्टर ने कहा, 'मुझे जुकाम नहीं था. साथ ही मुझे सिर्फ 100 डिग्री फ़ारेनहाइट तक बुखार हुआ.'
कॉकटेल ट्रीटमेंट से हुआ इलाज
संक्रमित डॉक्टर पहले दिन घर में रहे. इसके बाद उन्होंने खुद को एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराने का फैसला किया. डॉक्टर ने आगे बताया, '25 नवंबर को मुझे मोनोक्लॉनल एंटीबॉडीज की डोज दी गई. इसका मुझे काफी फायदा हुआ.अगले दिन मेरे में कोरोना का कोई लक्षण नहीं था.' बता दें कि कुछ दिनों पहले एक विरोलॉजिस्ट ने कहा था कि ओमिक्रॉन पर मोनोक्लॉनल एंटीबॉडीज या फिर कॉकटेल ट्रीटमेंट का कोई ज्यादा असर नहीं होता है.
परिवार के लोग भी संक्रमित
डॉक्टर तो अस्पताल में भर्ती थे. लेकिन इस बीच उनकी पत्नी जो कि पेशे से वो भी डॉक्टर ही हैं उनमें भी कोरोना के लक्षण दिखने लगे. इसके बाद उन्होंने 26 नवंबर को टेस्ट कराने का फैसला किया. वो पॉजिटिव निकलीं. इसके बाद उनकी बेटियां भी कोरोना से संक्रमित हो गई. लेकिन बाद में आरटीपीटीआर टेस्ट में वो नेगेटिव हो गईं. बता दें कि गुरुवार को जब ये पता चला कि डॉक्टर ओमिक्रॉन से संक्रमित हैं तो उन्हें एक बार फिर से अस्पताल में भर्ती कराया गया.
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